बोकारो के सेक्टर-4 सिटी सेंटर स्थित वृंदावन नर्सिंग होम में ऑपरेशन के बाद मरीज मुटूक रजवार की मौत से माहौल गरम हो गया। गुस्साए परिजनों ने डॉक्टर पर जानबूझकर लापरवाही और हत्या तक का आरोप जड़ दिया। देखते ही देखते नर्सिंग होम के बाहर सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं जुट गईं और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जोरदार हंगामा शुरू हो गया। गुस्साई भीड़ ने अस्पताल को घेरते हुए आरोप लगाया कि यहां गलत इलाज से मरीज की जान ली गई है और दोषी डॉक्टरों पर तुरंत कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
साधारण ऑपरेशन बना मौत का कारण
परिजनों का कहना है कि मृतक को साधारण पित्ताशय की पथरी की समस्या थी। वह खुद साइकिल से अस्पताल आया था और पूरी तरह स्वस्थ दिख रहा था। डॉक्टर ने आश्वासन दिया था कि ऑपरेशन आसान होगा और दो दिन में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। लेकिन ऑपरेशन के बाद उसकी हालत बिगड़ती चली गई और अंततः उसकी मौत हो गई।

रिम्स डॉक्टर ने जताई गंभीर आपत्ति
परिजनों ने बताया कि रिम्स के डॉक्टर ने मरीज की स्थिति देखने के बाद कहा कि यह ऑपरेशन किसी झोलाछाप डॉक्टर ने किया है। परिजनों का आरोप है कि बार-बार बेहतर इलाज या दूसरे डॉक्टर की राय लेने का अनुरोध करने के बावजूद उनकी अनदेखी की गई।
परिजनों की मांग – डॉक्टर जेल जाएं, अस्पताल बंद हो
परिजनों ने मांग की है कि दोषी डॉक्टर को जेल भेजा जाए और नर्सिंग होम को तुरंत बंद किया जाए। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज का केस जटिल और जन्मजात समस्या से जुड़ा था। डॉक्टरों ने दस दिन तक लगातार प्रयास किया, लेकिन जब स्थिति बिगड़ गई तो मरीज को रिम्स रेफर करना पड़ा।
न्यायिक जांच की मांग
मामले की गंभीरता को देखते हुए परिजन और स्थानीय संगठनों ने न्यायिक जांच और मृतक का पोस्टमार्टम कराने की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके।
जनता दरबार में भी उठा मामला
इससे पहले 19 अगस्त को आयोजित जनता दरबार में भी यह मामला डीसी अजय नाथ झा के सामने आया था। मृतक की पत्नी तिलका देवी ने शिकायत की थी कि उनके पति मुटूक रजवार का ऑपरेशन वृंदावन नर्सिंग होम में गलत तरीके से किया गया। डीसी के निर्देश पर सीएस डॉ. अभय भूषण प्रसाद ने तत्काल जांच टीम गठित कर नर्सिंग होम का निरीक्षण किया। टीम ने मरीज और परिजनों से मुलाकात की तथा अस्पताल सर्जन से पूछताछ की। मरीज को रिम्स रांची भेजने और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था।
