Bokaro: सेल (SAIL) के बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के कोक ओवन की बैटरी 1 में रविवार को जमकर हंगामा हुआ। एक ठेका मजदुर की मौत के बाद गुस्साए कर्मचारी लगभग दो घंटे तक काम से दूर रहे। स्तिथि को नियंत्रण में रखने के लिए भारी तादाद में सीआईएसएफ जवान मौके पर तैनात किये गए थे। बीएसएल संयंत्र को प्रोडक्शन लॉस भी हुआ है।
क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ (HMS) के बैनर तले गुस्साए कर्मी, मृतक नंद कुमार के आश्रित को नौकरी देने की मांग पर अड़े हुए हैं। मृतक के शव को बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) के मोर्चरी में रखा गया है। युनियन ने यह निर्णय लिया है कि नियोजन के पश्चात ही मृतक का शव अस्पताल से उठाया जाएगा।
इधर, बीएसएल प्रबंधन मेडिकल रिपोर्ट में मौत का कारण ‘cardiac respiratory failure’ पाते हुए नियोजन देने को रजामंद नहीं है। नियमों का हवाला देते हुए बीएसएल प्रबंधन कह रहा है कि नन्द कुमार की मौत “death due to accident while on duty” नहीं है, इसलिए नियोजन नहीं दिया जा सकता।
बीएसएल के प्रवक्ता, मणिकांत धान ने कहा कि नंद कुमार की उम्र लगभग 47 वर्ष है। वह मैसर्स फास्बेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ठेका श्रमिक, कोक ओवन बैट्री नंबर 2 में 15 अक्टूबर बी शिफ्ट में कार्य के दौरान रात्रि लगभग 9:45 में अस्वस्थता के कारण अचानक अचेत हो गए। उन्हें तुरंत पहले प्लांट मेडिकल सेंटर ले जाया गया जहां से उसे बीजीएच रेफर कर दिया गया।
धान ने बताया कि रविवार को सुबह लगभग 1:15 बजे उनका अस्पताल में निधन हो गया। नंद कुमार का ब्लड शुगर लेवल काफी हाई पाया गया। बीएसएल प्रबंधन नंद कुमार के असामयिक निधन पर उनके परिवार जनों के प्रति संवेदना प्रकट करती है। घटना के बाद कुछ देर तक कोक ओवन में कर्मियों ने प्रदर्शन किया था, लेकिन फिर सामान्य कामकाज बहाल हो गया है।
बताया जा रहा है कि नन्द कुमार द्वितीय पाली मे कोक ओवन टाॅप मे कार्यरत थे। लगभग 9:45 बजे रात्री मे वे ओवन टाॅप पर ही गिर पड़े, गिरने के बाद सहकर्मी साथियो के द्वारा प्लांट मेडिकल ले जाया गया, वहाँ चिकित्सको ने स्व कुमार के गंभीर हालत को देखते हुए उन्हे बोकारो जेनरल अस्पताल रेफर कर दिया जहाँ ईलाज के क्रम मे उनका देहांत हो गया। प्रबंधन दुर्घटना को हार्ट अटैक बताकर नियोजन देने पर आना कानी कर रही थी।
क्रान्तिकारी इस्पात मजदूर संघ (एच.एम.एस) के महामंत्री सह सदस्य एनजेसीएस राजेंद्र सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। प्रबंधन के रवैये से गुस्साए सिंह ने कहा कि कोक-ओवन बैट्री के सभी मजदूर हमारी युनियन के सदस्य है, हम सभी एक परिवार की तरह हैं और हमारे परिवार पर अगर प्रबंधन अन्याय करना चाहेगा तो हम उसके खिलाफ आवाज़ उठाएंगे। जब तक मृतक के आश्रित को ऑफर नही मिल जाता है तब तक मै और मेरी युनियन यही कोक-ओवन मे कैम्प करेंगे।
रविवार दोपहर एक बजे मुख्य महाप्रबंधक कोक-ओवन, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी कार्मिक एवम् प्रशासन एवम् अधिशासी निदेशक (संकार्य) के साथ महामंत्री की मिटिंग बेनतीजा रही। प्रबंधन ने नियमो का हवाला देते हुए नियोजन देने से इन्कार कर दिया। महामंत्री ने कहा कि इन्ही ठेका मजदूरो की बदौलत आज बोकारो इस्पात संयंत्र रिकॉर्ड उत्पादन कर रहा है। मगर जब उनकी कार्य करते हुए मृत्यु हो जाती है तो सन् 47 का नियम लेकर प्रबंधन खड़ी हो जाती है, जो सरासर अन्याय है। हम ऐसे नियमो को नही मानते है।
लगभग 4:30 बजे तक प्रबंधन और युनियन के बीच कई दौर की वार्ता हुई मगर कोई निष्कर्ष नही निकल सका। अन्ततः कार्पोरेट ऑफिस ने दूरभाष पर संपर्क कर महामंत्री से अनुरोध किया कि चूंकि आप 18 तारीख के बोनस मीटिंग के लिए दिल्ली आ ही रहे है। यही पर बोनस मीटिंग से पहले वार्ता कर इस समस्या का सकारात्मक हल निकाल लिया जाएगा।