बोकारो के सेक्टर 1 में विधायक बिरंची नारायण के आवासीय कार्यालय स्थित पंडित दीनदयाल सभागार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा विभाजन विभीषिका प्रथम स्मृति दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी और मौन जुलूस का आयोजन किया गया। इस आयोजन में जिले के कई प्रमुख नेता और गणमान्य लोग उपस्थित थे। प्रदर्शनी का उद्घाटन झारखंड विधानसभा के प्रतिपक्ष नेता अमर कुमार बाउरी ने किया।
विभाजन की त्रासदी का स्मरण
प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान अमर कुमार बाउरी ने कहा कि 14 अगस्त, 1947 का दिन भारतीय इतिहास का ऐसा दिन है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। देश को स्वतंत्रता मिलने की खुशी के साथ ही देश के दो टुकड़े हो गए थे। विभाजन के दौरान हुई हिंसा में 10 लाख लोग मारे गए और डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों को शरणार्थी बनकर अपना घर-बार छोड़ना पड़ा। यह दृश्य बहुत ही दुखद और भयावह था। उन्होंने बताया कि धारा 370 और 35A को हटाकर मोदी सरकार ने कुछ हद तक इस दर्द को कम करने का प्रयास किया है।
कांग्रेस और अंग्रेजों की भूमिका पर सवाल
अमर कुमार बाउरी ने कांग्रेस और अंग्रेजों की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सत्ता चाहिए थी और अंग्रेजों ने भी अपनी कूटनीति से भारत को विभाजित किया। अगर बंटवारा न हुआ होता, तो पाकिस्तान और बांग्लादेश आज भारत का हिस्सा होते। बाउरी ने कहा कि आज पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार कांग्रेस की नीतियों का परिणाम हैं।
अखंड भारत के खंडित होने पर पीड़ा
जिलाध्यक्ष जयदेव राय ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अखंड भारत को खंडित करने का काम किया गया, जिसके कारण लाखों लोग बेघर हो गए और कितने ही लोग अपने परिवारों से दूर हो गए। इस तरह की त्रासदी को स्मरण करना और उससे सीख लेना आज की पीढ़ी के लिए आवश्यक है।