Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

बीजीएच में एक भी डीएम कार्डियोलॉजिस्ट नहीं, लेकिन सीटी कोरोनरी एंजियोग्राम शुरू कर प्रबंधन ने थपथपाई अपनी पीठ


Bokaro: बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) की बात ही निराली है। डॉक्टर हो या न हो, मशीन खरीदी जाएगी, भले ही उद्घाटन के बाद वह बेकार ही क्यों न पड़े रहे। बुधवार को बीजीएच में फिर कुछ ऐसा ही हुआ। बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) में सीटी कोरोनरी एंजियोग्राम की सुविधा शुरू कर दी गई है, जो हृदय रोगियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। लेकिन, विशेषज्ञ की कमी के कारण इस नई सेवा का पूरा लाभ उठाना मुश्किल हो सकता है। बोकारो जनरल अस्पताल प्रबंधन ने गुरुवार को पहला सीटी कोरोनरी एंजियोग्राम सफलतापूर्वक किया और अपनी पीठ थपथपाई। बता दें, कुछ दिनो पहले बीजीएच के एकमात्र डीएम कार्डियोलॉजिस्ट रिजाइन करके जा चुके हैं। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

उन्नत नॉन-इनवेसिव प्रक्रिया की शुरुआत
जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि सीटी कोरोनरी एंजियोग्राम एक उन्नत नॉन-इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसे अस्पताल में हाल ही में लगाए गए अत्याधुनिक 128 स्लाइस सीटी स्कैनर में डॉक्टरों की टीम ने किया। इस अवसर पर उपस्थित अस्पताल के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. बीबी करुणामय ने बताया कि सीटी कोरोनरी एंजियोग्राम एक ऐसी नॉन-इनवेसिव (बिना चीरा लगाए) प्रक्रिया है, जिससे हृदय में किसी भी प्रकार की रुकावट की जांच की जा सकती है, साथ ही हृदय से जुड़ी धमनियों की भी बारीकी से जांच की जा सकती है।

विशेषज्ञों की कमी की समस्या
यह अच्छी बात है कि बीजीएच में यह प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन इसकी जाँच रिपोर्ट पढ़ने और समझने वाले हृदय रोग विशेषज्ञ (डीएम कार्डियोलॉजिस्ट) डॉ राहुल कुछ सप्ताह पहले ही बीजीएच छोड़ कर चले गए। उन्हें बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) प्रबंधन ने काफी प्रयास कर अनुबंध पर लाया था और कुछ ही दिनों में उन्होंने मरीजों के दिल में अपनी जगह बना ली थी। लेकिन अनुबंध खत्म होने से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक आंतरिक राजनीति के कारण उन्होंने बीजीएच छोड़ दिया। अब बीजीएच में एक भी डीएम कार्डियोलॉजिस्ट नहीं है।

नई प्रक्रिया की महत्ता
बीजीएच की रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ प्रियंका जैन ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि बीजीएच में शुरू की गई यह जांच बोकारो में अपने आप में एक खास स्थान रखती है। हृदय को रक्त पहुंचाने वाली वाहिकाओं में ब्लॉकेज, प्लाक या जन्मजात कोरोनरी विसंगतियों के निदान के लिए ओपीडी के आधार पर की जाने वाली यह प्रक्रिया बीजीएच में कोरोनरी हृदय रोग के मरीजों के लिए काफी मददगार साबित होगी।

प्रशिक्षण की कमी और बाहरी तकनीशियन की सहायता
इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए रेडियोलॉजी विभाग भले ही अपनी पीठ थपथपा रहा हो। लेकिन हकीकत में पहली बार सीटी कोरोनरी एंजियोग्राम के लिए बाहर के तकनीशियन की मदद ली गई। अगर यही स्थिति रही, तो करोड़ की मशीन तो होगी लेकिन उसे इस्तेमाल करने वाले तकनीशियन नहीं होंगे और जाँच रिपोर्ट को समझने और मरीजों का इलाज करने वाले डीएम कार्डियोलॉजिस्ट नहीं होंगे। बता दें इससे पहले बीजीएच के पूर्व हेड ऑफ़ कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट डॉ सतीश कुमार ने भी समय से पहले वालंटियर रिटायरमेंट लेकर बीजीएच छोड़ दिया था।

इसे बोकारो इस्पात संयंत्र का आर्थिक नुकसान कहें या मरीजो को फायदा की बीजीएच का कार्डियोलॉजी डिपार्मेंट हर साल सबसे अधिक मरीजों को बाहर रेफर करने वाला विभाग है। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x


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