Bokaro : नए कृषि कानूनों के विरोध में आज बुलाए गए भारत बंद का बोकारो में व्यापक असर दिखा। बस यहां अंतर इतना था की बंद करवाने वाले अधिकतर झामुमो, कांग्रेस, सीपीआई और राजद राजनितिक पार्टी के कार्यकर्ता थे। किसान जो थोड़ी बहुत जगह सामने आये, वह भी किसी न किसी पार्टी से जुड़े हुए थे। प्रशासनिक तैयारी पूरी थी, पुलिस और मजिस्ट्रेट क्रिटिकल जगहों पर नज़र बनाये हुए थे। बोकारो ज़िले के चास और बेरमो सब-डिवीज़नस में बंद का असर करीब 11 बजे सुबह से दिखना शुरू हो गया था, जो दो-तीन घंटे बाद कम हो गया।

झामुमो के कार्यकर्ताओ ने कई जगहों पर चक्का जाम करने की कोशिश की। झामुमो के सिटी प्रेजिडेंट, मंटू यादव तो किसानो के प्रति अपनी सवेंदना जताने के लिए इस आंदोलन में एक कदम आगे बढ़कर रेल यातायात बाधित करने की कोशिश की। अपने पार्टी के कार्यकर्ताओ के साथ “शिबू सोरेन जिंदाबाद”, “हेमंत सोरेन ज़िंदाबाद” का नारा लगाते हुए बोकारो रेलवे स्टेशन में धड़-धड़ाड़ते घुस गए और पटना-रांची जनशताब्दी को रोकने के लिए इंजन के सामने पटरी पर कूद गए।

झामुमो के कार्यकर्ताओ को ऐसा करते देख, वहाँ तैनात रेलवे अधिकारी और पुलिस एक्शन में आ गए, और बड़े मशक्कत से रेलवे पुलिस फाॅर्स के जवानो ने उनको रेलवे ट्रैक से हटाया। ट्रैन जो स्टेशन पर समय से पहले आ गयी थी वह समय से खुली। रेलवे के चीफ कमर्शियल इंस्पेक्टर, चंद्रभूषण जो स्पॉट पर थे, पत्रकारों के पूछने पर बताया की स्तिथि नियंत्रण में है। वहीं कई जगह नेशनल हाईवे पर झामुमो के कार्यकर्ता सड़को पर बंद कराते दिखे।

बोकारो शहर के नायामोड़ पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष मंजूर अंसारी, राजद, सीपीआई और अपने पार्टी के कार्यकर्ताओ के साथ मिलकर जुलुस निकाला और दुकाने बंद कराई। सिटी सेंटर और चास में भी बंद का आंशिक असर दिखा, कुछ दुकाने खुली थी तो कुछ बंद। कांग्रेसी नेता स्वेता सिंह ने कहा की पूंजीपतियो को लाभ पहुंचाने वाले इस कानून से किसानो का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। चास महावीर चौक मे कांग्रेस नेत्री परिंदा सिंह और मनोज कुमार कार्यकर्ताओ के संग नारेबाजी करते दिखे।

बोकारो स्टील प्लांट में प्रोडक्शन सामान्य रहा कोई भी परेशानी कर्मियों के आने जाने या स्टील प्रोडक्ट के डिस्पैच पर नहीं पड़ी। रोड पर प्राइवेट गाड़िया सामान्य रूप से चली, टेम्पो-टेक्कर का आवागमन कुछ देर के लिए प्रभावित रहा फिर बाद में सामान्य हो गया। बैंक, पोस्ट ऑफिस और दूसरे कार्यालय सामान्य रूप से खुले थे। बोकारो मॉल भी पहली पाली बंद रहा।

चंदनक्यारी में भी सुबह भारत बंद का मिला जुला असर देखने को मिला, जबकि इस इलाके में किसान अधिक है। चंदनक्यारी के वरिये कांग्रेसी नेता, बिरंचि महथा किसान संगठनो के लोगो को साथ लेकर सुबह 8 बजे रोड पर आ गए थे। उन्होंने कहा चंदनक्यारी किसान बहुल्य क्षेत्र है और इस इलाके में भी किसानो ने नए कृषि कानूनों का विरोध किया।

बेरमो, नावाडीह, गोमिया, कसमार और पेटरवार में भी बंद काफी हद तक पहले पाली में दिखने को मिला। बेरमो में कोल् ट्रांसपोर्टिंग प्रभावित रही, बाजार में कई दुकाने भी बंद मिली। गोमिया और नावाडीह में भी बंद का नज़ारा कमोबेश कुछ इसी तरह था। सड़को में राजनितिक पार्टी के कार्यकर्ताओ ने कई जगहों पर कुछ देर के लिए आवागमन बाधित किया। यह अच्छी बात है की बोकारो में बंद शांतिपूर्ण रहा और कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।




