Bokaro: प्लांट में हुई ठेका मजदुर की दुर्घटना में मौत के मामले में झारखण्ड सरकार के इंस्पेक्टर ऑफ़ फैक्ट्रीज विभाग ने सेल (SAIL) के बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। फैक्ट्री इंस्पेक्टर ने गुरुवार को बीएसएल के कारखाना प्रबंधक, कार्यकारी निदेशक (वर्क्स) को इस मामले में शो कॉज किया है। विभाग इस बात से बौखलाया हुआ है कि इतनी बड़ी घटना को बीएसएल ने क्यों छुपाया। नियमतः दुर्घटना की विधिवत सुचना विभाग को क्यों नहीं दी।
बताया जा रहा है कि बुधवार को विभाग को दुर्घटना और ठेका मजदुर की मौत की सुचना मीडिया से मिली। जिसके बाद फैक्ट्री इंस्पेक्टर धीरेन्द्र सिंह मुंडा ने घटनास्थल का निरिक्षण किया और श्रमिकों से पूछताछ की। निरिक्षण के क्रम में फैक्ट्री इंस्पेक्टर ने यह भी पाया है प्लांट में हो रहे पावर सबस्टेशन का निर्माण कार्य में नियम का उल्लंघन किया जा रहा है। निरिक्षण में मिलें साक्ष्य के आधार पर विभाग ने दोनों मामलो में बीएसएल के कारखाना प्रबंधक (ED Works) को शो कॉज किया है। ED Works को यह भी निर्देश है कि जाँच पुरी होने तक कार्य स्थल पर यथास्थिति बनाएँ रखें ।
शो कॉज में BSL से इन दो मामलो पर जवाब माँगा गया है –
1. दुर्घटना स्थल के निरीक्षण पाये गए साक्ष्य एंव उपस्थित श्रमिकों से पुचताछ के क्रम में ज्ञात हुआ कि दिनांक 08.11.2022 को कार्य स्थल पर दुर्घना घटी थी परन्तु प्रबंधन द्वारा जानबुझ कर दुर्घटना को छिपाने का प्रयास किया गया एवं दुर्घटना का विधिवत सूचना अब तक उपलब्ध नहीं कराकर कारखान अधिनियम 1948 कि धारा 88 सह पठित झारखण्ड कारखाना नियमावली 1950 के नियम 96 का उल्लंघन किया है ।
2. कारखाने में विस्तार कर power supply arrangement for proposed 2000 tpd ( 132 / 11kv . GIS ) sub station का निमार्ण कार्य किया जा रहा है परन्तु विस्तारीत भाग का अनुमोदन आवश्यकता के अनुसार नहीं किया गया है जो झारखण्ड कारखाना नियमावली 1950 के नियम 3 का उल्लंघन है।
48 घंटे से मोरचरी में रखा है मृतक का शव :
बोकारो स्टील प्लांट (BSL) में 8 अक्टूबर को काम के दौरान हुई मजदुर की मौत के बाद बीजीएच में विभिन्न ट्रेड यूनियनो का प्रदर्शन जारी है। परिजन और यूनियन लीडर नियोजन की मांग पर अड़े हुए है। मृत ठेका मजदूर सतीश महतो (56 वर्ष) का शव बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) के मोरचरी में पिछले 48 घंटे से रखा हुआ है। सैकड़ो लोग बीजीएच में धरना दे रहे है।
बताया जा रहा है कि बीजीएच में चल रहे आंदोलन में ऐसे तो अधिकतर सभी यूनियन डटे हुए है, पर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (JMM) और पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल के एंट्री बाद स्तिथि काफी मजबूत हो गई है। बीएसएल प्रबंधन पर प्रेशर पद रहा है। झामुमो के वरिये नेता मंटू यादव ने कहा कि हमने इस मामले को राज्य मुख्यालय से इन्क्वायरी कि मांग की है। सब श्रमिक जानते है कि दुर्घटना प्लांट के अंदर हुई है, बीएसएल प्रबंधन के छुपाने से थोड़े ही छुपने वाला है। बीएसएल को मृतक के परिवार को नौकरी देनी ही होगी। वही पूर्व विधायक बाटुल ने कहा मृतक पिछले 30 सालो से उसी ठेका कंपनी में काम कर रहा था। इसके बावजूद उसका न पीएफ है और न ही इएसआई कार्ड। यह उसके साथ बिल्कुल गलत हुआ है। इसपर इन्क्वायरी होनी चाहिए।
BSL ने की तीन सदस्यीय कमिटी गठित –
पूछने पर बीएसएल के चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन मणिकांत धान इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं बोल रहे है। सूत्रों के अनुसार बीएसएल प्रबंधन ने तीन सदस्यीय समिति बनाई है जो इस बात कि जांच कर रही है कि मृतक ठेका मजदुर कि मौत कहा हुई है। समिति में सेफ्टी, पर्सनेल और प्रोजेक्ट के वरिये अधिकारी है जो गुरुवार शाम तक रिपोर्ट दे देंगे जिसके बाद प्रबंधन नियोजन को लेकर फैसला सुनाएगा। यह समिति घटना के हर पहलु पर जांच कर अपना मंतव्य देगी।
ऐसे हुई थी घटना-
बताया जा रहा है कि ठेका मजदूर पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के चितामी गांव का रहने वाला था। ऑक्सीजन प्लांट में सिमेंस ठेका कंपनी को निर्माण का काम मिला है। इसने इस काम अपने पेटी ठेका कंपनी आरके ब्रदर्स को दिया है। यही कंपनी यहां निर्माण का काम कर रही है। दुर्घटना करीब एक से डेढ़ बजे के बीच की है। जानकारी के अनुसार, मजदूर अंडरग्राउंड में काम कर रहा था। तभी उसके उपर क्षतिग्रस्त पाईप गिर गया। उसे बीजीएच पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने कहा है कि जब तक उन्हें नियोजन नहीं मिल जाता तब तक वह शव बीजीएच से नहीं ले जाने वाले है।