Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

SAIL-BSL की नई पहल: बोकारो में 1800 बांस के पौधे, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण के लिए बड़ा कदम


Bokaro: सेल के बोकारो स्टील प्लांट (SAIL-BSL) द्वारा सेक्टर-2 स्थित हैंडीक्राफ्ट ट्रेनिंग सेंटर में आठ विभिन्न प्रजातियों के 1800 बांस के पौधे लगाए जा रहे हैं। इन पौधों के माध्यम से पर्यावरण को लाभ पहुंचाने के साथ-साथ, बांस आधारित हस्तशिल्प वस्तुओं के निर्माण के लिए कच्चा माल भी प्राप्त होगा।

बीएसएल के निदेशक प्रभारी बी के तिवारी ने महिला समिति की अध्यक्ष अनीता तिवारी, अधिशासी निदेशकों, मुख्य महाप्रबंधकों और बीएसएल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हैंडीक्राफ्ट ट्रेनिंग सेंटर परिसर में बांस के पौधे लगाने का औपचारिक शुभारंभ किया. Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

हैंडिक्राफ्ट ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना और उसका उद्देश्य
बोकारो स्टील का हैंडीक्राफ्ट ट्रेनिंग सेंटर दिसंबर 2022 में स्थानीय गांवों की महिलाओं को बांस, जलकुंभी और जूट से बने हैंडीक्राफ्ट वस्तुएं बनाने को लेकर प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से खोला गया था। इस केंद्र ने दो साल से कम समय में लगभग 700 महिलाओं को प्रशिक्षित किया है, जिनसे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। बीएसएल ने दुमका स्थित एलआईएमएस-ईएसएएफ फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है, जो इस क्षेत्र में व्यापक अनुभव रखता है। केंद्र में निर्मित उत्पादों की मार्केटिंग लिंकेज स्थापित है और बोकारो में एक शोरूम खोलने की योजना भी है।

बांस पौधों का पर्यावरणीय लाभ
एलआईएमएस-ईएसएएफ फाउंडेशन के निदेशक डॉ अजिथसेन सेल्वादास ने बताया कि 1800 बांस के पौधे लगाने से लगभग 120 मीट्रिक टन CO2 का पृथक्करण और शोधन होगा। औसतन, बांस प्रति एकड़ प्रति वर्ष 12 से 15 टन CO2 का पृथक्करण और शोधन कर सकता है। बांस की कम पानी की आवश्यकता और 35% अधिक ऑक्सीजन उत्सर्जन के कारण वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

बांस विभिन्न उद्योगों के लिए नवीकरणीय सामग्री की आपूर्ति भी करता है। ट्रेनिंग सेंटर में लगाए जा रहे बांस की प्रजातियों में बंबूसा टुल्डा, बंबूसा बाल्कोआ, बंबूसा नूटांस, डेंड्रोकैलेमस एस्पर, बंबूसा पॉलीमोर्फा, डेंड्रोकैलेमस गिगेंटस, बंबूसा वल्गेरिस और डेंड्रोकैलेमस सिक्किमेंसिस शामिल हैं। तीन वर्षों में, ये बांस के पेड़ कारीगरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार हो जाएंगे। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

BSL की पहल का महत्व
बीएसएल के निदेशक प्रभारी बी के तिवारी ने कहा कि यह पहल कार्बन उत्सर्जन में कटौती के अभियान का हिस्सा है और आने वाले समय में हैंडीक्राफ्ट सेंटर में काम करने वाले कारीगरों को कच्चे माल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x


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