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100 दिन में एयरपोर्ट का वादा… 200 दिन बाद भी इंतजार! बिरंची नारायण ने विधायक श्वेता सिंह से किया सवाल


Bokaro: भाजपा के पूर्व विधायक बिरंची नारायण ने एक बार फिर बोकारो की वर्तमान विधायक श्वेता सिंह को निशाना बनाया है। इस बार उनका निशाना बोकारो एयरपोर्ट का विकास और संचालन मामला है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले ही नारायण ने झारखंड के राज्यपाल और राज्य चुनाव आयोग को श्वेता सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि श्वेता सिंह के पास दो पैन कार्ड, कई वोटर कार्ड हैं और नॉमिनेशन पेपर पर बीएसएल के वांछित क्वार्टर की बकाया राशि छुपाई गई है। इस मामले में जांच अभी भी जारी है।

प्रेस वार्ता में एयरपोर्ट मुद्दे पर तीखा हमला
बोकारो एयरपोर्ट के मुद्दे पर बिरंची नारायण ने अपने आवासीय कार्यालय में प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के 200 दिन बीत जाने के बाद भी एयरपोर्ट शुरू नहीं हो सका है। उन्होंने कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह पर सवाल उठाए। श्वेता सिंह ने चुनावी वादे के तहत 100 दिन में एयरपोर्ट शुरू कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब वह कहती हैं कि यह केंद्र सरकार का मामला है और राज्य सरकार का इसमें कोई विषय नहीं है, इसलिए विधानसभा में इस पर बात नहीं उठा सकती।

राज्य सरकार को किए जाने वाले कार्यों में देरी पर सवाल
बिरंची नारायण ने स्पष्ट किया कि एयरपोर्ट शुरू करने के लिए दो दमकल गाड़ी (फायर ब्रिगेड), आधुनिक एंबुलेंस, पर्यावरण विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र, सतनपुर पहाड़ी पर टॉवर लाइट लगाना और बूचड़खाने को हटाना जैसे कार्य राज्य सरकार को करने हैं, जो अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि विधायक को केंद्रीय इस्पात मंत्री से मिलने के बजाय मुख्यमंत्री से मिलना चाहिए और विधानसभा सत्र में भी इस मुद्दे को उठाना चाहिए।

केंद्र सरकार ने अपने कार्य पूरे कर लिए, राज्य सरकार पर दबाव
नारायण ने बताया कि केंद्र सरकार ने अपने सभी कार्य को पांच साल पहले ही पूर्ण कर लिया है। अब सिर्फ राज्य सरकार के जिम्मे का कार्य बाकी है। उन्होंने श्वेता सिंह पर भी सवाल उठाए कि उन्होंने झारखंड के पुलिस महानिदेशक से मिलकर एयरपोर्ट सुरक्षा और अग्निशमन व्यवस्था की मांग की है, जबकि झारखंड पुलिस ने पहले ही एयरपोर्ट सुरक्षा के लिए जवानों को कोलकाता में ट्रेनिंग दिलवाकर 40 जवानों की तैनाती कर दी थी। लेकिन एयरपोर्ट के शुरू न होने की वजह से इन्हें दूसरी जगहों पर ड्यूटी पर लगा दिया गया है। नारायण ने कहा कि विधायक को पहले पूरे विषय को समझना चाहिए था और भ्रम नहीं फैलाना चाहिए।

जनांदोलन की चेतावनी और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
बिरंची नारायण ने कहा कि जून के पहले सप्ताह में वे राज्य के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मिलकर एयरपोर्ट शुरू करने की मांग करेंगे। अगर देरी हुई तो जनांदोलन के जरिए सोई हुए हेमंत सरकार को जगाने का काम करेंगे, ताकि बोकारो की जनता को एयरपोर्ट जल्द मिल सके। उन्होंने बताया कि बीएसएल के तहत यह एयरपोर्ट पिछले 50 साल से चल रहा है, लेकिन कभी भी कमर्शियल हवाई जहाज उड़ाने की ओर ध्यान नहीं दिया गया। मोदी सरकार ने उड़ान योजना के तहत बोकारो एयरपोर्ट का चयन किया, ताकि आम लोग हवाई यात्रा कर सकें। 2017 में राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास और केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने बोकारो हवाई अड्डे पर उड़ान योजना का शिलान्यास किया था।

प्रेस वार्ता में मौजूद रहे स्थानीय नेता
प्रेस वार्ता में कमलेश राय, के.के. बोराल, माथुर मंडल, महेंद्र राय, मंतोष ठाकुर, हरीश चंद्र सिंह और उमेश कुमार भी मौजूद रहे।

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