Bokaro: झारखंड प्रदेश भाजपा द्वारा आहूत कार्यक्रम के तहत बोकारो जिला भाजपा द्वारा जिला उपायुक्त कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष कमलेश राय ने संचालन जिला महामंत्री जय देव राय की। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधानसभा परिसर में धर्म विशेष इस्लाम की धार्मिक प्रक्रिया नमाज पढ़ने के लिए असवैधानिक तरीके से विशेष कक्ष के आवंटन के विरोध में एक दिवसीय धरना कार्यक्रम जिला उपायुक्त के समक्ष की गई।
पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने महामहिम राज्यपाल के नाम पत्र बोकारो जिला उपायुक्त को सौपा।
पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के आदेशानुसार विधान सभा सचिवालय के ज्ञापांक 1552 दिनांक 02.09.21 द्वारा लोकनिधि से निर्मित विधानसभा भवन के कमरा संख्या – TW348 को इस्लाम धर्म के मतावलंबियों के लिए उनके धार्मिक क्रियाकलाप नमाज अदायगी के लिए कक्ष का आवंटन किया गया है।
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जिसकी मूल अवधारणा पंथनिरपेक्षता है। हमारी मनीषा सर्वधर्म सम्मान की है, परंतु किसी धर्म विशेष के लिए इसमें विशेषाधिकार का कोई स्थान नहीं बनता है। झारखंड विधानसभा भवन का निर्माण राज्य की जनता के गाढ़ी कमाई से प्राप्त कर-राशि के द्वारा किया गया है, इसमें किसी धर्म या संप्रदाय विशेष के लिए कोई विशेष उपबंध, प्रश्रय, विशेषाधिकार, सुविधा का स्थान नहीं है।
पूर्व जिलाध्यक्ष रोहितलाल सिंह ने कहा कि जिस तरह राज्य सरकार द्वारा हर बार हिन्दू धर्म के विरुद्ध कार्य कर रही वह निंदनीय है। कभी धर्मिक मंदिरों को खोलने को लेकर कभी रामनवमी के जुलूस को लेकर। हेमंत सरकार जिस धर्म से आते उस धर्म को भी उन्होंने आहत पहुँचाया।
जिला उपाध्यक्ष कमलेश रॉय ने कहा कि ऐसे में किसी धर्म/पंथ विशेष के लिए बिना किसी विशेषाधिकार के सरकारी संपत्ति के आवंटन, उपलब्धता, उपयोग की अपेक्षा संविधानतः सही नहीं है। ऐसी परिस्थिति में यह विषय नागरिकों, प्रेस-मीडिया एवं संवाद में चर्चा का विषय बना हुआ है।
जिला महामंत्री संजय त्यागी ने कहा कि अविलंब उपरोक्त आदेश 1552 वि.स. दिनांक 02.09.21 को निरस्त करें और संवैधानिक मूल्यों, मानकों की रक्षा करते हुए तुष्टीकरण के इस असंवैधानिक, असंसदीय, अव्यवहारिक और अधार्मिक आदेश को वापस ले।
यदि किसी दबाव, तुष्टिकरण एवं अन्य किसी प्रक्रम के कारण आपके द्वारा इसे निरस्त करने में असमर्थता जाहिर की जाएगी तो मैं इस विषय को प्रथम दृष्टया तुष्टिकरण का एक मूर्धन्य निर्णय मानते हुए न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को बाध्य रहेगी।
इस धरना कार्यक्रम मे मुख्य रूप से पूर्व जिलाध्यक्ष अम्बिका ख्वास, रोहितलाल सिंह, शशिभूषण ओझा मुकुल,आरती राणा, लीला देवी, अनिल स्वर्णकार, सुभाष महतो, जयनारायण मरांडी, गौर रजवार, अशोक कुमार पप्पू, इंद्र कुमार झा, विनय आनंद, विश्वनाथ दत्ता, महेंद्र राय आदि उपस्थित थे।