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Bokaro: आनंदमार्ग स्कूल की 68 वर्षीय संचालिका ने किया आत्मदाह, नेशनल हाईवे पर प्रदर्शन


Bokaro: बोकारो ओरमांझी सड़क परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजा भुगतान के विवाद से परेशान आनंद मार्ग स्कूल की संचालिका 68 वर्षीय निदेशक उद्धत अन्नदाहित वादिनी ने सोमवार को आत्मदाह कर लिया। यह विद्यालय पेटरवार प्रखंड के दरिद में स्थित है.

घटना के विरोध में और संबंधित अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज़ करने की मांग को लेकर मंगलवार को आनंद मार्ग के सैकड़ों लोगों व ग्रामीणों ने उत्तसारा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 23 को जाम कर दिया. जिससे करीब डेढ़ घंटे तक यातायात प्रभावित रहा। गोमिया विधायक लंबोदर महतो भी मौके पर पहुंचे. जिसके बाद प्रशासन और पुलिस ने जांच का आश्वासन देकर जाम खुलवाया.

स्थानीय लोगों का कहना है कि सोमवार को एनएचआइ और एनजी इंफ्रा कंपनी के पदाधिकारी पुलिस टीम के साथ स्कूल परिसर को खाली कराने के लिए अल्टीमेटम – देने पहुंचे थे। दोनों ओर से बहस होने लगी। संचालिका का कहना था कि मुआवजा पर फैसले के बाद हटाया जाएगा। मुआवजा राशि – मिलने पर स्कूल कहीं और बनाया जाएगा, लेकिन एनएचआइ अधिकारी अपने नियम का हवाला दे रहे थे।

संचालिका काफी आक्रोशित थी। इस बीच वन पट्टा का वितरण कर गुजर रहे सीओ अशोक राम भीड़ देखकर वहां रुके। वे दोनों पक्षों को समझाने लगे। इसी बीच अचानक संचालिका रसोई घर घुसकर अपने शरीर में आग लगा ली। वहां मौजूद लोग कुछ समझ पाते तब तक वह 80 प्रतिशत जल चुकी थी। आनन-फानन में सीओ के वाहन से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पेटरवार में भर्ती कराया गया। इस संबंध में एनएचआइ अधिकारी से संपर्क नहीं हो पाया।

पेटरवार पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का प्रयास किया तो मृतका की शिष्या शिफाली महतो, आनंद मार्गी और ग्रामीण विरोध करने लगे। सूचना पर पहुंचे अनुमंडल पदाधिकारी अशोक कुमार ने समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आनंदमार्गी अड़ गए। काफी देर बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए तेनुघाट रेफरल अस्पताल भेजा गया।

क्या था मामला

भारत माला परियोजना के तहत जैनामोड़ से ओरमांझी तक फोरलेन सड़क निर्माण हो रहा है। निर्माण में स्कूल की जमीन बाधक बन रही है। इसलिए परिसर को तोड़ा जाना है। इसके लिए जमीन का मुआवजा 4.10 करोड़ मिलना है। मुआवजा राशि तय हो गई तो पूर्व के संचालक आचार्य सर्वआत्मा नंद ने इस पर दावा कर दिया, जबकि आश्रम स्कूल का पावर आफ अटार्नी उद्धत अन्नदाहित वादिनी को दे दिया था। दोनों पक्षों में विवाद के बाद यह राशि दो साल साल पहले न्यायालय में जमा हो गई है।


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