Bokaro: बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) प्रबंधन ने वैसे प्लॉट होल्डर्स के खिलाफ सख्ती बरतना शुरू कर दिया है, जिन्होंने लीज की तय समय सीमा समाप्त होने के बावजूद रिन्यूअल नहीं कराया है। बीएसएल के नगर प्रसाशन (TA) विभाग ने ऐसे प्लॉट की एक पूरी लिस्ट तैयार की है जिनकी लीज समाप्त हो चुकी है।
बताया जा रहा है कि सेल (SAIL) प्रबंधन से बीएसएल नगर प्रसाशन को राजस्व वसूली को लेकर सख्त निर्देश प्राप्त हुए है। जिसको लेकर अब कड़ी करवाई शुरू कर दी गई है। बीएसएल ने इसकी शुरुआत सेक्टर 4, सिटी सेंटर स्तिथ बैंक ऑफ़ बड़ौदा को लीज रिन्यूअल से सम्बंधित ‘फाइनल नोटिस’ भेज कर, कर दिया है।
BSL को करोड़ो रूपये की राजस्व हानि
सीजीएम टीए कुंदन कुमार ने अपने लैंड एंड रेवेन्यू विभाग से उन प्लॉटों की मैपिंग कराई है जिनका लीज रिन्यूअल नहीं हुआ है। साथ ही लैंड एंड रेवेन्यू विभाग के जीएम ए के सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर लीज समाप्त हो चुके प्लॉट से राजस्व वसूली का निर्देश दिया है।
बताया जा रहा है कि बीएसएल को वैसे प्लॉटों से करोड़ो रूपये की राजस्व हानि हो रही है जो बिना लीज रिन्यू कराये चल रहे है। बीएसएल के अनुसार अधिकतर प्लाट होल्डर ने लीज रिन्यू करा लिया है। जो बचे हुए है उनके लिए यह आखरी घंटी है। उसके बाद बिजली भी कटेगी और अलॉटमेंट रद्द भी कर दिया जायेगा।
13 वर्ष से बैंक ने नहीं कराया लीज रिन्यूअल
बीएसएल द्वारा बैंक ऑफ़ बड़ौदा को दिए फाइनल नोटिस में यह साफ़ इंगित किया गया है कि उसकी लीज अवधि 07.09.2010 को पहले ही समाप्त हो चुकी है। लगभग 13 वर्ष बीत जाने के बाद भी बैंक ने लीज रिन्यूअल की प्रक्रिया शुरू करने की जहमत नहीं उठाई। जिससे बीएसएल को ऐसा प्रतीत होता है की प्लॉटधारी उक्त भूखंड के पट्टे के नवीनीकरण में रुचि नहीं रखते हैं।
15 दिन का समय
ऐसी स्थिति में, बीएसएल ने बैंक से कहा है कि भूमि और उस पर निर्मित संरचनाओं का खास कब्जा वह पट्टादाता सेल, बोकारो स्टील प्लांट को वापस सौंप सकते हैं। बीएसएल प्रबंधन के अनुसार फाइनल नोटिस जारी होने की तारीख से 15 दिन का समय बैंक को नवीनीकरण और अन्य शुल्क जमा करने के लिए दिया है।
1.91 करोड़ की मांग
ऐसा न करने पर बीएसएल उक्त भूखंड की बिजली काटने सहित आवंटन आदेश को वापस लेने/रद्द करने के लिए कानून के अनुसार और पट्टा समझौते की शर्तों के अनुसार कार्रवाई शुरू कर देगी। लीज रेनेवल के लिए बीएसएल ने बैंक को करीब 1 करोड़ 91 लाख रूपये की मांग की है।
बैंक ऑफ़ बड़ौदा के एक अधिकारी से सम्बन्ध में बात करने पर उन्होंने कहा कि यह मामला बैंक प्रबंधन के संज्ञान में है, जल्द ही प्रबंधन इसपर उचित कदम उठाएगी।