Bokaro: शहर के सेक्टर 12-E में सीढ़ी गिरने की घटना के तीन घंटे के अंदर बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) ने रेस्क्यू किये गए लोगो को नया आवास अलॉट कर दिया। एहि नहीं बीएसएल ने मकान शिफ्टिंग के लिए गाड़ी और आदमी भी दिया है ताकि किसी को कोई तकलीफ नहीं हो। यह पहली बार हुआ है जब बीएसएल प्रबंधन ने इस तरह की घटना में पीड़ितो को इतनी जल्दी राहत पहुंचने का काम किया है।
बता दें, ईडी पर्सनल एंड एडमिनिस्ट्रेशन राजन प्रसाद, टाउन एंड एडमिनिस्ट्रेशन (TA) विभाग के सीजीएम कुंदन कुमार और हाउस अलॉटमेंट सेक्शन के जीएम अलोक चावला अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और स्तिथि का जायजा लिया। फिर बिना देर किये जीएम अलोक चावला ने सेक्टर 12 इलाके में खाली पड़े आवासों की जानकारी रिकॉर्ड से निकाली। टीम भेज कर उन आवासों के हालत को जाना, और फिर चार सबसे बेहतरीन आवास अलॉट कर दिए।
बीएसएल के प्रवक्ता मणिकांत धान ने बताया कि जिस ब्लॉक में यह घटना हुई है उसमे फर्स्ट और सेकंड फ्लोर में रहने वाले चारो परिवारों को आवास दे दिया गया। सबको आवास उसी इलाके में अलॉट किया गया है। जीएम चावला की टीम मौके पर खुद जाकर लोगो को आवास हैंडओवर की और शिफ्टिंग में मदद कर रही है। चार परिवारों में एक बीएसएल कर्मी का है और बाकी तीनो को आवास लाइसेंस में अलॉटेड है। ग्राउंड फ्लोर में रहनेवालो दोनों परिवारों को भी नया आवास दिया गया पर उनलोगो ने लेने से मना कर दिया। वह वही रहेंगे।
परिवार के साथ रेस्क्यू हुए पवन कुमार ने बताया कि घटना के तुरंत बाद वे बेहद उदास हो गए थे। कुछ समझ नहीं आ रहा था की ऐसी स्तिथि में परिवार और सामान को लेकर कहा जाये। लेकिन घण्टे भर में फ़िज़ा बदल गई। बीएसएल की टीम ने आकर न सिर्फ हिम्मत दी बल्कि बिना किसी दौड़-भाग के हमलोगो को नया आवास दे दिया। हमलोगो को सही में विश्वास नहीं हुआ क्युकी पहले ऐसा कही नहीं सुने थे। सबसे बड़ी बात नया आवास अगल-बगल ही मिला है और बीएसएल शिफ्टिंग भी करा रहा है।
मौके पर राहत पहुंचाने गई बीएसएल की टीम के एक सदस्य ने कहा कि घटना के बाद रविवार को हाउस अलॉटमेंट सेक्शन सवेरे 7 बजे ही खुल गया। सबको बुला लिया गया। जीएम चावला पहले प्लांट में थे, इसलिए इस विभाग में भी दिन-रात नहीं समझते है। दो घंटे में सभी रेस्क्यू किये गए परिवारों को बढ़िया आवास ढूंढ़कर, अलॉट करके हैंडओवर कर दिए। एहि नहीं अब टाउनशिप में अनफिट आवासों और ब्लॉक का लिस्ट बनाने का आदेश दिया है।