Bokaro: बिना किसी घोषणा, सुचना और पब्लिक नोटिस के चुपचाप जमीन का ड्रोन सर्वे कराना बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के भूमि एवं संपदा विभाग के लिए मुसीबत लेकर आया है। सर्वे के दौरान शिबुटाड़ के ग्रामीणों ने ड्रोन से सर्वे कर रहे तीन लोगों को पकड़ लिया. पुलिस मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित कर रही है.बताया जा रहा है कि सर्वे करने वाले बैंगलोर के एक प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी है, जिन्हे ग्रामीणों ने पकड़कर गांव के मंदिर में बैठाये हुए है। बीएसएल प्रबंधन से वार्ता करने की मांग पर अड़े हुए है। ग्रामीणों विस्थापित इलाको में ड्रोन सर्वे न करवाने की मांग कर रहे है। मामला बालीडीह ओपी थाना क्षेत्र का है.
चोरी-छिपे ड्रोन कैमरे से वीडियो बना रहे थेग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक माह से तीनों लोग चोरी-छिपे ड्रोन कैमरे से वीडियो बना रहे थे और अपनी कार को जंगल में छिपाकर रखे हुए थे. ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीणों को बिना सूचना दिए ड्रोन से गांव की निगरानी करना संदेहास्पद है. क्योंकि गांव की महिलाएं तालाब में नहाने जाती हैं. ऐसे में वीडियो बनाना ठीक नहीं है. इसलिए तीनों को पकड़ा गया है. तीनों को सुरक्षित रखा गया है. गिरफ्तार तीनों युवकों में से दो युवक उड़ीसा के बताये जा रहे हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि पकड़े गये लोगों के अनुसार वे बीएसएल अधिकारी एके सिंह के आदेश पर सर्वे कर रहे थे. ग्रामीण सच्चाई जानने के लिए बीएसएल अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़े हैं. Click here to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
सेक्टरों के आलावा विस्थपित इलाको में किया जा रहा ड्रोन सर्वेबताया जा रहा है कि BSL नगर प्रशासन के महाप्रबंधक (जीएम) एके सिंह के मार्गदर्शन में बीएसएल द्वारा शहर में ड्रोन सर्वे का काम किया जा रहा है. इसी साल 9 फरवरी को जीएम एके सिंह ने जिला प्रशासन समेत शहर के सभी थानों में बीएसएल द्वारा ड्रोन सर्वे की जानकारी दी थी. विस्थापित क्षेत्रों के अलावा टाउनशिप के सभी सेक्टरों में ड्रोन सर्वे किया जाना है.
15000 एकड़ जमीन का सर्वे
बताया जा रहा है कि ड्रोन सर्वे का काम बेंगलुरु की निजी कंपनी एडेल सिस्टम्स को दिया गया है. यह कंपनी बीएसएल की 33 हजार एकड़ जमीन का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट सौंपेगी. जिसके आधार पर सेल में बीएसएल प्लांट के विस्तार या अन्य प्रोजेक्ट लगाने को लेकर निर्णय लिया जा सकता है. कंपनी की ओर से टाउनशिप और विस्थापित इलाकों में करीब 15 हजार एकड़ जमीन का सर्वे किया जा रहा है. इससे सेल (SAIL) को अपनी जमीन की स्थिति की भी पुख्ता जानकारी मिल जायेगी.
अतिक्रमित इलाको के साथ-साथ खाली जमीनों का ब्यौरा
इस ड्रोन सर्वे के माध्यम से बीएसएल के पास सेक्टरों के अतिक्रमित क्षेत्रों के साथ-साथ खाली पड़ी जमीनों का भी ब्योरा होगा. जिस पर सेल के आला अधिकारी ठोस निर्णय लेने की सोच रहे हैं. ग्रामीणों का मानना है कि ड्रोन सर्वे का यह काम काफी गुप्त तरीके से किया जा रहा था, जिसका राज विस्थापित क्षेत्र में खुल गया.
क्यों छुपा कर हो रहा था ड्रोन सर्वे ?
एक तरफ, बीएसएल (BSL), जो बिना किसी घोषणा या अखबारों में सार्वजनिक सूचना प्रकाशित किए क्वार्टर मैपिंग या अतिक्रमण हटाने जैसे छोटे अभियान तक नहीं करता है, वह इतने बड़े ड्रोन सर्वेक्षण का काम बिना किसी सुकबुकाहट के कर रहा था। इस सर्वे के कार्य में बीएसएल का परियोजना विभाग भी रुचि ले रहा है. ग्रामीणों के अनुसार कई दिनों से ग्रामीण इलाकों में ड्रोन से सर्वे कर रहे इन लोगों से जब पूछा जाता, तो वे कहते थे कि सड़क का सर्वे हो रहा है, तो कभी कहते थे कि गूगल का काम कर रहे हैं. कभी सही बात नहीं बताई. आज पकड़े जाने के बाद उन्होंने सच उगल दिया.