बोकारो में इस बार धनतेरस पर सोने की ऊंची कीमतों ने खरीदारों की इच्छा मार दी है। ₹1.25 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच रहे दामों के कारण लोग अब सोने की बजाय चांदी और बर्तनों की खरीदारी को तरजीह दे रहे हैं। ज्वैलर्स विज्ञापनों के माध्यम से मेकिंग चार्ज में छूट, फ्री गिफ्ट्स और आकर्षक धनतेरस ऑफर्स दे रहे हैं, लेकिन ग्राहकों को लुभा पाना इस बार आसान नहीं।
बोकारो शहर के ज्वैलर्स ने धनतेरस को लेकर सजावट और प्रचार-प्रसार की पूरी तैयारी कर ली है। दुकानों में लाइटिंग, विज्ञापन और पैम्फलेट के जरिए ग्राहकों को आकर्षित करने की कोशिश जारी है। लेकिन बढ़ते दामों के कारण मध्यमवर्गीय खरीदारों का रुझान इस बार सोने से हटकर चांदी और बर्तनों की ओर झुकता दिख रहा है।

चांदी और बर्तनों की ओर झुकाव
बोकारो में रहने वाले अधिकांश परिवार मध्यमवर्गीय हैं। ऐसे में सोने की ऊंची कीमत और अतिरिक्त मेकिंग चार्ज के चलते कई लोग इस बार धनतेरस पर चांदी के सिक्के, गहने या नए बर्तन खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
धनतेरस: शुभता और समृद्धि का प्रतीक पर्व
धनतेरस को दिवाली के शुभारंभ के रूप में मनाया जाता है। यह दिन धन, सौभाग्य और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस की त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को दोपहर 12:18 बजे से शुरू होकर 19 अक्टूबर को दोपहर 1:51 बजे समाप्त होगी। विशेषज्ञों के अनुसार, 18 अक्टूबर की शाम सोना खरीदने के लिए सबसे शुभ समय है।
परंपरा और आस्था से जुड़ा त्योहार
धनतेरस के दिन सोना खरीदना केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का प्रतीक भी है। ज्वैलर्स के अनुसार, इस अवधि की बिक्री पूरे वर्ष के कारोबार का एक बड़ा हिस्सा होती है। परिवार पीढ़ियों से चली आ रही इस परंपरा को निभाने के लिए हर साल धनतेरस पर कुछ न कुछ खरीदना शुभ माना जाता है।
