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Bokaro: विस्थापन की पीड़ा लिए निकला कैंडल मार्च, शहीद को श्रद्धांजलि और सिस्टम से सवाल


Bokaro: शहर की सड़को पर आज फिर हज़ारो विस्थापित युवाओ ने प्रदर्शन किया। विस्थापित अप्रेंटिस संघ (Visthapit Apprentice Sangh) के बैनर तले शहीद प्रेम प्रसाद की स्मृति में कैंडल मार्च निकालते हुए विस्थापितों ने सरकार और प्रबंधन से चार प्रमुख मांगों पर शीघ्र निर्णय लेने की चेतावनी दी। संघ ने 1500 अप्रेंटिस युवाओं के नियोजन, उम्र सीमा 40 वर्ष करने, वैकल्पिक बहाली के तहत आवास व मेडिकल सुविधा, तथा चतुर्थ श्रेणी की बहाली की मांग दोहराई। विस्थापितों ने बीएसएल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि जब तक समाधान नहीं मिलता, आंदोलन जारी रहेगा। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1xसंघ की प्रमुख मांगें: नियोजन और स्थायित्व की गारंटी
कैंडल मार्च के दौरान विस्थापित अप्रेंटिस संघ ने अपनी चार प्रमुख मांगों को जोरदार तरीके से दोहराया। संघ का कहना है कि बोकारो इस्पात संयंत्र में प्रशिक्षण ले चुके लगभग 1500 अप्रेंटिस युवाओं को शीघ्र नियोजन दिया जाए, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। साथ ही, पूर्व की नीति के अनुरूप उम्र सीमा को पुनः 40 वर्ष किया जाए, जिससे अधिक से अधिक विस्थापित युवाओं को नियोजन का अवसर मिल सके।

संघ ने यह भी मांग की है कि जब तक इन युवाओं की स्थायी नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक उन्हें संयंत्र में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत बहाल किया जाए। इस बहाली में आवास, चिकित्सा सुविधा और 60 वर्ष की आयु तक रोजगार की गारंटी दी जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, पूर्व में लागू चतुर्थ श्रेणी (4th ग्रेड) की भर्ती प्रक्रिया को पुनः शुरू किया जाए, ताकि अप्रेंटिस युवाओं को समुचित रोजगार का अवसर मिल सके। संघ का कहना है कि इन मांगों पर जब तक ठोस पहल नहीं होती, तब तक आंदोलन लगातार जारी रहेगा। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

संघ की संघर्षशील विरासत: विस्थापन से अधिकारों तक की लड़ाई
विस्थापित युवाओ ने कहा कि विस्थापित अप्रेंटिस संघ का गठन उन युवाओं और परिवारों की आवाज़ को बुलंद करने के लिए हुआ था, जिनकी जमीनें इस्पात संयंत्र निर्माण के दौरान चली गई। जिन्हे बीएसएल ने ट्रेनिंग भी दिया पर नौकरी देने का वादा कर मुकर गए। पिछले 9 वर्षों से यह संगठन नियोजन, पुनर्वास और सम्मानजनक जीवन की मांग को लेकर आंदोलनों में सक्रिय रहा है। संघ ने पूर्व में भी कई बार शांतिपूर्ण प्रदर्शन, धरना और वार्ताओं के जरिए अपने मुद्दों को उठाया है, लेकिन स्थायी समाधान की मांग आज भी अधूरी है।

जन समर्थन और व्यापक भागीदारी
इस कैंडल मार्च में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए, जिनमें प्रमुख रूप से अमोद महतो, राज कुमार, मनोज रजवार, प्रदीप सोरेन, अशोक महतो, सुनील महतो, सचिन सोरेन, प्रफुल महतो, दुर्गा चरण महतो, उमेश दीगर, कामरान, संगीता कुमारी, अजय महतो, मिथलेश रजवार, संतोष दास, मासूम राजा, नीलकंठ महतो, चंद्रदीप, उपेंद्र महतो, संतोष महतो, हीरालाल महतो, अजय दास, जिलानी, इंजमाम अंसारी, असलम अंसारी समेत अनेक लोग उपस्थित रहे। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

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