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Bokaro: सर्पदंश से बच्ची के मौत के मामले में चिकित्सक की लापरवाही आई सामने, जांच में चौंकाने वाला खुलासा


Bokaro: पिछले दिनों गोमिया प्रखंड के महुआटांड़ थाना के बड़कीपुन्नू निवासी 09 वर्षीय प्रिया कुमारी के डाक्टर नहीं मिलने से हुई मौत मामले में गोमिया सीएचसी में पदास्थापित चिकित्सक के अनुपस्थित रहने एवं पदस्थापित एएनएम द्वारा फोन करने के बाद भी चिकित्सक द्वारा फोन रिसीव नहीं करने का मामला सामने आया है।उपायुक्त विजया जाधव द्वारा मामले में अनुमंडल पदाधिकारी बेरमो को मामले की जांच कर प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया था। जिस पर अनुमंडल पदाधिकारी बेरमो अशोक कुमार ने मामले की जांच कर शनिवार देर शाम जांच प्रतिवेदन उपायुक्त को समर्पित किया।

अनुमंडल पदाधिकारी बेरमो ने अपने जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट किया गया है कि मृत बच्ची प्रिया कुमारी के परिजन 29 मई को सुबह लगभग 6.18 बजे उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें थे। उस समय चिकित्सक डा. चंचला उपस्थित नहीं थी, मौके पर पदस्थापित एएनएम कुमकुम कुमारी ने चिकित्सक डा. चंचला कुमारी को फोन किया, लेकिन फोन रिसिव नहीं किया गया। जबकि, स्वास्थ्य केंद्र में संर्पदंश से उपचार संबंधित दवा उपलब्ध थी। इससे संबंधित डाक्टर की लापरवाही स्पष्ट इंगित होती है।

जांच प्रतिवेदन में इस बात का भी उल्लेख है कि, सीएचसी गोमिया में पदस्थापित डा. चंचला कुमारी अपने पति डा. जितेंद्र कुमार के साथ सीएचसी गोमिया से कुछ दूरी पर निजी अस्पताल/क्लीनिक मां शारदे सेवा सदन गोमिया में सेवा देते हैं।

मां शारदे सेवा सदन गोमिया में मिली भारी अनियमितता,किया गया सील

अनुमंडल पदाधिकारी बेरमो ने आगे निजी अस्पताल/क्लीनिक मां शारदे सेवा सदन गोमिया का औचक जांच किया। जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आएं हैं। अनुमंडल पदाधिकारी ने अपने जांच प्रतिवेदन में लिखा है कि उक्त निजी अस्पताल/क्लीनिक के संचालन में भारी अनियमितता बरती गई है।

माँ शारदे सेवा सदन गोमिया के मैनेजर श्री विवेक कुमार एवं डॉ० जितेन्द्र कुमार से क्लिनिक संचालन से संबंधित निबंधन प्रमाण पत्र की माँग की गई, परन्तु उनके द्वारा निबंधन प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया। इनके द्वारा बताया गया कि नवीनीकरण करने हेतु आवेदन किया गया है। जिससे स्पष्ट है कि बिना निबंधन के ही अवैध रूप से सेवा सदन का संचालन किया जा रहा है। जाँचोंपरान्त यह पाया गया कि सेवा सदन, गोमिया में कुल 06 चिकित्सक कार्यरत है।

जिसमें तीन प्रमुख रूप से (1) डॉ० चंचला कुमारी, जिनका पदस्थापन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, गोमिया में पदस्थापित है। (2) डॉ० जितेन्द्र कुमार, जिनका पदस्थापन, अनुमण्डलीय अस्पताल, फुसरो एवं (3) डॉ० रंजन कुमार, प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्र, महुआटांड़ में पदस्थापित है। तीनों सरकारी डॉक्टर के रूप में कार्यरत है। इन चिकित्सकों के द्वारा पदस्थापन स्थल से इतनी दूरी तय कर गोमिया में माँ शारदे सेवा सदन में कार्य किया जा रहा है।

बताया गया कि लैब में श्री सन्नी राम टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत है। इस संदर्भ में श्री राम द्वारा लैब टेक्नीशियन से संबंधित प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाया गया। ऐसी स्थिति में किस परिस्थिति में यह लैब चलाया जा रहा है। लैब चलाने हेतु एम०बी०बी०एस० डॉक्टर का होना जरूरी है। उक्त सेवा सदन में कोई भी एम०बी०बी०एस० पैथोलोजिकल डॉक्टर उपलब्ध नहीं रहने के बावजूद भी मरीजों की खुन इत्यादि की जाँच की जा रही है। ऐसे में मरीजों की खून इत्यादि की जाँच स्वच्छ एवं सही तरीके से किये जाने की पुष्टि नहीं हो सकती है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि क्लिनिक प्रबंधन के द्वारा अवैध रूप से मरीजों का जाँच कर उनकी जान से खिलवाड़ करते हुए राशि की उगाही की जा रही है।

जाँच के दौरान माँ शारदे सेवा सदन के प्रबंधक विवेक कुमार से यह पूछा गया कि जाँच में लैब टेकनिशियन के साथ कोई पैथोलोजिकल डॉक्टर उपलब्ध नहीं है, ऐसी स्थिति में आपके द्वारा मरीजों को रिर्पोट किस प्रकार दिया जाता है, परन्तु उनके द्वारा इस संदर्भ में कोई जानकारी नहीं दी गई। जाँचोपरान्त यह भी तथ्य सामने आया कि डॉ० चंचला कुमारी, डॉ० जितेन्द्र कुमार पति पत्नी है। साथ ही, सेवा सदन के विवेक कुमार मैनेजर डॉ० चंचला के सहोदर भाई है।

जांच में अनुमंडल पदाधिकारी ने प्रथम दृष्टया यह पाया कि बिना निबंधन के अवैध रूप से उपरोक्त सेवा सदन का संचालन श्री विवेक कुमार के द्वारा किया जा रहा है। पूरे मामले से अनुमंडल पदाधिकारी बेरमो ने उपायुक्त बोकारो को अवगत कराते हुए नियमानुसार अंचलाधिकारी गोमिया को बतौर दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त करते हुए माँ शारदे सेवा सदन को सील कर दिया।

क्या कहना है उपायुक्त का

उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि गोमिया के बच्ची को सांप ने डंसा, डाक्टर नहीं मिलने से मौत मामला प्रकाश में आने के बाद अनुमंडल पदाधिकारी बेरमो को अपने स्तर से मामले की जांच कर प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया था। जांच प्रतिवेदन में संबंधित चिकित्सक डा. चंचला कुमारी द्वारा लापरवाही, उक्त तिथि को सीएचसी में अनुपस्थित रहने, पदस्थापित एएनएम द्वारा फोन करने पर फोन रिसीव नहीं करने की बात सामने आयी है। साथ ही, गोमिया सीएसची से दो किमी के अंदर ही डा. चंचला कुमारी अपने पति डा. जितेंद्र कुमार के साथ निजी अस्पताल/क्लीनिक में सेवा दे रही थी।

निजी अस्पताल/क्लीनिक जिसका नाम माँ शारदे सेवा सदन, गोमिया है, उसका प्रबंधक श्री विवेक कुमार हैं,जो डा. चंचला कुमारी के सहोदर भाई हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि मां शारदे सेवा सदन का निबंधन नहीं है, उनके द्वारा जो निबंधन का सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया गया है, उस पर उपयुक्त प्राधिकारी (एप्रुपरिएट आथारिटी) से अनुमति प्राप्त नहीं है।

गोमिया प्रखंड जिले का सुदूर प्रखंड है, नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। जिले का आकांक्षी प्रखंड है, जिला प्रशासन का आमजनों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। किसी भी स्तर के लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, नियमानुसार दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

बेरमो एसडीओ ने मां शारदे सेवा सदन से एक्सपायरी दवा को किया जब्त

अनुमंडल पदाधिकारी बेरमो अशोक कुमार ने रविवार को भी माँ शारदे सेवा सदन की जांच की, इस दौरान अस्पताल/क्लिनीक से एक्सपायरी दवा को जप्त किया है। अस्पताल स्थित दवा दुकान में जांच के क्रम में पदाधिकारियों को कई एक्सपायरी दवा बरामद हुआ है। साथ ही, टीम ने दवा से संबंधित एक डायरी को भी मौके से जब्त किया है।


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