Bokaro: जिले में बदलते मौसम के कारण वायरल फीवर के मरीज बढ़ रहे हैं। सभी सरकारी और निजी अस्पतालों जनरल ओपीडी और पीडियाट्रिक ओपीडी में आने वाले 70 फीसदी मामले वायरल फीवर के पाए जा रहे हैं।
हालांकि H3N2 इन्फ्लुएंजा के मामले देश के कई हिस्सों में बढ़ रहे है, पर बोकारो में न तो इसकी जाँच हो रही है और न ही कोई रिपोर्ट आ रही है। यहां भी H3N2 जैसे लक्षण पाए जा रहे है, पर कन्फर्म रिपोर्टिंग नहीं होने के चलते कुछ कहा नहीं जा सकता। लोग वायरल फीवर समझ उसका इलाज करा रहे है और ठीक भी हो रहे है।
सदर अस्पताल के साथ-साथ बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) के शिशु रोग विभाग में भी वायरल फीवर वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। बीजीएच के डॉ. निलय ने कहा, “आउटडोर पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) में आने वाले 50 बच्चों में से औसतन 30 बच्चे वायरल फीवर से ग्रसित पाए जा रहे हैं।”
अस्पतालों में बुखार के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। इसे वायरल मानकर इलाज किया जा रहा है। सदर अस्पताल की सामान्य ओपीडी में शुक्रवार व शनिवार को 220 मरीजों की जांच की गई। बाल रोग ओपीडी में 58 शिशुओं की जांच की गई। इनमें से करीब 70 फीसदी मामले वायरल फीवर के थे।
इसी तरह चास अनुमंडलीय अस्पताल की ओपीडी में रोजाना बुखार के 40 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। वायरल फीवर के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता तेजी से घटती है। रोगी को निगरानी में रखना आवश्यक है। किसी भी बदलाव के मामले में तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।
इन दिनों आने वाले अधिकांश मरीजों में बुखार, गले में खराश, बदन दर्द व उल्टी व सांस लेने में तकलीफ की शिकायत हो रही है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ एल के ठाकुर ने कहा कि बुखार के साथ-साथ नाक बहना, छाती और पेट में दर्द जैसे लक्षण अधिकतर बच्चों में देखे जा रहे हैं। यह वायरल फीवर के लक्ष्ण है। ओपीडी में आने वाले अधिकतर बच्चो में इन्फ्लुएंजा के लक्षण पाए जा रहे है।
यह बीमारी बदलते मौसम के साथ शुरू होती है और तेजी से फैलती है। इन्फ्लुएंजा रोगियों में बुखार, ठंड लगना, सूखी खांसी, हर समय थकान, शरीर में लगातार दर्द, नाक बंद होना या लगातार नाक बहना, गले में खराश और दर्द और दस्त जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।