Bokaro: बोकारो शहर के लक्ष्मी मार्किट इलाके में बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) प्रबंधन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। इंची-टेप लेकर पहुंचे बीएसएल अधिकारियों ने सड़क किनारे लगी दुकानों की नापी की और उनमें से कुछ को JCB से तोड़ दिया। बताया गया कि लाइसेंसी दुकानों को सड़क से कम से कम 25 फ़ीट पीछे करने और अवैध दुकानों को पूरी तरह हटाने का आर्डर है।
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सिक्योरिटी विभाग के साथ जीएम ए के सिंह के नेतृत्व में अचानक पहुंची बीएसएल की टीम का विरोध कुछ दुकानदारों ने मौके पर किया, पर कार्रवाई नहीं रुकी। दुकानदार सामान हटाने के लिए समय की मांग भी कर रहे थे।
बीएसएल के चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन मणिकांत धान ने कहा कि अतिक्रमण अभियान से जुड़े मापी केवल उन अधिकृत गुमटियों के संबंध में किया गया जो लाइसेंसधारी हैं। प्रबंधन ने सभी अनाधिकृत गुमटियों को अपना निर्माण पूर्णतः हटाने को कहा है।
फरवरी-मार्च में सिटी सेंटर में चला अभियान आईवाश ?
बीएसएल प्रबंधन द्वारा फरवरी-मार्च में चलाया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान लोगो के नजर में रूपये की बर्बादी और आईवाश के आलावा कुछ भी नहीं था। सिटी सेंटर के जिन-जिन रास्तो में अतिक्रमण हटाया गया था सब वैसे का वैसे ही है। बल्कि सबसे अधिक नुक्सान प्लाट में संचालित दुकानदारों का हुआ। दुकानों के बाहर सड़क किनारे उनके द्वारा पब्लिसिटी के लिए लगाए गए बोर्ड को JCB ने हटा दिया था। जो दुबारा नहीं लगा। बाकि सब वैसे का वैसे ही है। खोमचे और ठेले वालो को भी नुक्सान हुआ था। अवैध गुमटी को कोई छुआ भी नहीं था।
25-35 फ़ीट पीछे करो, BSL अधिकारियों का ‘मुखेर कानून’
पिछले कुछ महीनो से, बोकारो इस्पात प्रबंधन (BSL) द्वारा चलाया जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर नगर प्रसाशन के अधिकारी, दुकानदारों को सड़क से 25-35 फ़ीट पीछे हटने के लिए कह रहे है।
पिछले महीने, पहले बीएसएल का नगर प्रसाशन विभाग अतिक्रमण हटाने की घोषणा करवाया, उसके बाद जब माहौल बन गया तो अधिकारी दुकानदारों को सड़क से पीछे हटने की बात कह कर ठन्डे हो गए।
जिसके बाद अधिकतर दुकानदार, वैध गुमटी वाले हो या अवैध, बताये गए दुरी के अनुसार सड़क से पीछे खिसक गए। उन्हें लगा की पीछे हट जायेंगे तो बीएसएल तोड़ेगा नहीं और वह आराम से बचे और बसे रहेंगे। कई दुकानदारों ने अपने दूकान के आगे के हिस्से को तोड़कर पीछे नया बना लिया। खर्च कर दुकानों को व्यवस्तिथ किया।
ध्यान देने की बात यह है कि- जिस समय दुकानदार पीछे हटकर पुनः दुकानों को जमा रहे थे, उस समय BSL की कोई टीम उसे रोकने या हटाने नहीं गई। और अब जब वह पीछे चले गए। तो बीएसएल ने फिर नया तराना छेड़ दिया की पीछे हटने वाला मुखेर कानून लाइसेंसी गुमटी के लिए था, अतिक्रमण कर लगाए गए दुकानदारों के लिए नहीं। इसका दुकानदार विरोध कर रहे है। अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे है।