Bokaro: मूसलाधार बारिश के बाद शनिवार को भी दिनभर हुई रिमझिम बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त जरूर कर दिया, पर इससे किसानों के चेहरे पर चमक लौट आयी है. इस वर्ष धान की खेती के प्रारंभिक चरण के बाद से पर्याप्त बारिश नहीं होने कारण किसान मायूस थे. खेतों में बिचड़े सूखने शुरू हो गए थे. रोपा का काम नहीं के बराबर हुआ था. यदाकदा कुछ बहियार खेतों में ही थोड़ीबहुत धनरोपनी हो पायी थी. ऐसा माना जा रहा था किस बार भी इस क्षेत्र को सुखाड़ का सामना करना पड़ेगा. लेकिन शुक्रवार को अचानक और दिनभर हुई मूसलाधार बारिश के बाद किसानों में खुशी छा गई है.
खेतों में लबालब पानी देखकर किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. शनिवार को कसमार प्रखंड के विभिन्न गांवों के किसान झूम कर अपने खेतों में निकले. खेतों को धान की रोपाई के लायक तैयार करने में जुटे रहे. बगदा के सुखदेव राम, मंजूरा के लक्ष्मण महतो, दांतू के विवेकानंद नायक आदि ने कहा कि खेतों को धान की रोपाई के लिए पर्याप्त पानी मिल चुका है. कहा कि मूसलाधार बारिश से खेत अवश्य जलमग्न हो गए हैं, लेकिन उससे खेती प्रभावित नहीं होगी और जिन खेतों में पहले से धान की रोपाई हो चुकी है, उसमें भी कोई नुकसान नहीं होगा. कृषकों का मानना है कि इस मूसलाधार बारिश के बाद प्रायः सभी खेतों में धान की रोपाई पूरी कर ली जाएगी. कृषकों ने कहा कि बारिश नहीं होने के कारण उनके बीच जो चिंता थी, वह अब दूर हो चुकी है.