गलती किसकी ?
निवासियों ने बीएसएल (BSL) प्रबंधन पर व्यापक बिजली चोरी को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाया, जिसके कारण बार-बार ऐसी घटनाएं होती हैं। वहीं बीएसएल अधिकारियों का कहना है कि बिजली चोरी इतनी ज़्यादा है कि ज़िला प्रशासन के सहयोग के बिना चोरी-रोको अभियान नहीं चलाया जा सकता। वहीं ज़िला प्रशासन बोकारो टाउनशिप में हो रहे अवैध बिजली चोरी के खिलाफ बीएसएल को सख्त कार्रवाई करने में सहायता करने में लापरवाह नज़र आ रहा है। जबकि 2010 में हाई कोर्ट ने बीएसएल को जिला प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण हटाने और उससे पहले अवैध पानी और बिजली कनेक्शन हटाने का आदेश चूका है।

सिटी सेंटर के आग में 26 लाख का नुकसान
बता दें, प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार सिटी सेंटर के दुकानों में लगी आग सबसे पहले एक नंबर प्लेट बनाने वाले की दुकान में लगी थी। लोग कुछ समझ पाते की आग तेज़ी से आस-पास की दुकानों तक फैल गई। चार दमकल गाड़ियों को आग पर काबू पाने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगा। लगभग 26 लाख रुपये का सामान जलकर खाक हो गया, हालाँकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। प्रभावित दुकानदार सुजल ने बताया कि आग अचानक भड़की और कुछ ही मिनटों में कई दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। Video-
अवैध बिजली कनेक्शनों के कारण लगी आग
घटना के बाद, उपायुक्त अजय नाथ झा ने तत्काल मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि आग इलाके में अवैध बिजली कनेक्शनों के कारण हुए शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। यह घटना टाउनशिप में असुरक्षित और अवैध बिजली कनेक्शनों के कारण होने वाली आग की दुर्घटनाओं की लंबी सूची में शामिल हो गई है।
पिछले 11 महीनों में 105 जगह लगी आग: फायर स्टेशन इंचार्ज
जिला अग्निशमन केंद्र प्रभारी भगवान ओझा ने बताया कि पिछले 11 महीनों में 105 आग लगने की घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से दो दर्जन से ज़्यादा बीएसएल टाउनशिप क्षेत्रों में अवैध बिजली कनेक्शनों से जुड़ी थीं। उन्होंने इस साल दुंदीबाग और टाउनशिप के अन्य इलाकों में लगी इसी तरह की आग का ज़िक्र किया, जो असुरक्षित तारों और अनधिकृत बिजली कनेक्शनों के कारण लगी थी। उन्होंने चेतावनी दी, “अगर बीएसएल ने जल्द ही अवैध बिजली कनेक्शनों पर लगाम नहीं लगाई, तो भविष्य में बड़ा हादसा हो सकता है।”
अवैध कनेक्शनों से अक्सर शॉर्ट सर्किट
बताया जा रहा है कि बीएसएल की लगभग 2,000 एकड़ ज़मीन पर झोपड़ियों, अस्थायी दुकानों और खटालों का अतिक्रमण है, जो खुले तारों से अवैध रूप से बिजली खींचते हैं। टाउनशिप में बिजली के खम्बों में अनगिणत हुकिंग है। बिजली चोरी के कारण बीएसएल को कथित तौर पर सालाना लगभग 50 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। इन अस्थायी अवैध कनेक्शनों से अक्सर शॉर्ट सर्किट होता है, जिससे आग लग जाती है और जान-माल का खतरा बना रहता है।
जिला प्रशासन की सहायता की आवश्यकता: BSL प्रवक्ता
बीएसएल के संचार प्रमुख, मणिकांत धान ने पुष्टि की कि आग अवैध हुकिंग से हुए शॉर्ट सर्किट का नतीजा थी। उन्होंने कहा, “नगर प्रशासन समय-समय पर ऐसे कनेक्शनों को हटाने के लिए अभियान चलाता है, लेकिन व्यापक स्तर पर कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन की सहायता की आवश्यकता होती है। हम जिला प्रशासन से व्यापक स्तर पर कार्रवाई करने के लिए कोआर्डिनेट कर रहे है।”
बेदखली का दिया गया था नोटिस
सूत्रों ने बताया कि बीएसएल ने पहले भी सिटी सेंटर के अन्य दुकानों के साथ उन दुकानों को हटाने का प्रयास किया था जिसमे आग लगी थी, क्योंकि वे बीएसएल की ज़मीन पर अवैध रूप से बनाई गई थीं। एस्टेट कोर्ट (Estate Court) द्वारा 2024 तक बार-बार बेदखली के नोटिस जारी किए गए, घोषणाएँ की गईं, लेकिन निर्धारित दिन पर प्रशासनिक सहयोग न मिलने के कारण अभियान रोक दिया गया।
BSL क्षेत्र अंतर्गत सभी फुटपाथ दुकानों को सही से प्रबंधन करे- उपायुक्त, बोकारो
बुधवार को, डीसी झा ने घटना की समीक्षा के लिए प्रशासनिक और बीएसएल अधिकारियों के साथ एक बैठक की। यह जानकारी मिलने के बावजूद कि आग अवैध बिजली कनेक्शनों के कारण लगी थी और दुकानें अनाधिकृत थीं, उनके निर्देश अवैध हुकिंग या अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बजाय केवल टाउनशिप में सड़क किनारे विक्रेताओं को उचित प्रबंधन के साथ संचालित करने पर केंद्रित थे।

“BSL क्षेत्र अंतर्गत सभी फुटपाथ दुकानों को उचित प्रबंधन के साथ नियमानुकुल संचालन सुनिश्चित करें। अव्यस्थित दुकानदारों के कारण सुरक्षा में किसी प्रकार के लापरवाही उत्पन्न ना हो।”
उपायुक्त अजय नाथ झा ने अपने निर्देश में कहा कि
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