Bokaro: बोकारो विस्थापित अधिकार मंच एवं बोकारो जिला कांग्रेस कमिटी के संयुक्त तत्वावधान में, इंडिया गठबंधन के समर्थन से बोकारो विधायक श्रीमती श्वेता सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों विस्थापित नागरिकों ने जिला मुख्यालय का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों ने बोकारो इस्पात संयंत्र से विस्थापित ग्रामों को पंचायती राज प्रणाली में शामिल करने की मांग उठाई।
“1964 से आज तक अधिकारों से वंचित” – विधायक
विधायक श्वेता सिंह ने कहा कि यह आंदोलन एक दिन का नहीं बल्कि पिछले 60 वर्षों से जारी अन्याय का परिणाम है। 1964 में इस्पात संयंत्र की स्थापना के दौरान ग्रामीणों ने राष्ट्रनिर्माण हेतु बिना विरोध अपनी भूमि दी थी, परंतु आज तक न तो उन्हें किसी पंचायत में शामिल किया गया और न ही किसी नगर निकाय में।

50 हजार से अधिक आबादी बुनियादी सुविधाओं से वंचित
लगभग 50,000 की आबादी आज भी पेयजल, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं और सरकारी योजनाओं से वंचित है। युवाओं को आय, जाति एवं आवासीय प्रमाण पत्र, छात्रवृत्ति और लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व का अधिकार भी नहीं मिल पा रहा है, जबकि वे हर चुनाव में वोट डालकर सरकार चुनते हैं।
डीसी को सौंपा ज्ञापन, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
विधायक ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर तुरंत कार्रवाई की मांग की। डीसी ने आश्वासन दिया कि इस पर कार्य तीव्र गति से हो रहा है। विधायक ने प्रशासन को चेताया कि यह केवल लापरवाही नहीं बल्कि विस्थापितों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
“तत्काल कार्रवाई न हुई तो उग्र आंदोलन” – चेतावनी
विधायक ने शहीद प्रेम महतो के परिजन को नौकरी और प्रतिमा व पार्क के लिए भूमि देने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो विस्थापित बड़े पैमाने पर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे, जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सेल प्रबंधन की होगी।
मौके पर रहे कई जनप्रतिनिधि व विस्थापित परिवार
इस मौके पर इंडिया गठबंधन के उमेश गुप्ता, सुनीता देवी, मृत्युंजय शर्मा, जवाहर महथा, हीरा लाल मांझी समेत कई जनप्रतिनिधि और विस्थापित परिवार मौजूद रहे।
