Bokaro: बोकारो में खाद्य सुरक्षा के नाम पर विभाग सिर्फ दिखावा करता नजर आ रहा है। चास और सिटी सेंटर क्षेत्र में सैकड़ों फुटपाथ दुकानों और मिठाई की दुकानों में खुलेआम मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे हैं, लेकिन विभाग की जांच केवल बड़े होटलों और नामी प्रतिष्ठानों तक सीमित है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारी खानापूर्ति के नाम पर औपचारिक कार्रवाई कर रहे हैं।
महज कुछ दुकानों से ही लिए गए नमूने
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने जांच के नाम पर केवल एक दर्जन दुकानों से नमूने लिए, जिनमें ज्यादातर सेक्टर-चार सिटी सेंटर और चास नगर निगम क्षेत्र की चुनिंदा दुकानें थीं। जबकि शहर के विभिन्न मोहल्लों और बाजारों में दर्जनों अस्थायी दुकानें बिना लाइसेंस के मिठाई, दूध, चाट-पकौड़े और स्नैक्स बेच रही हैं।
सिविल सर्जन का दावा: कार्रवाई जारी है
इस संबंध में सिविल सर्जन अभय भूषण प्रसाद ने कहा कि सभी दुकानों की जांच की जाएगी। फिलहाल अधिक खपत वाले रेस्टोरेंट्स और दुकानों पर कार्रवाई चल रही है। खराब गुणवत्ता वाला खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बिना फूड लाइसेंस के चल रहीं सैकड़ों दुकानें
शहर के फुटपाथ पर सैकड़ों दुकानें बिना किसी फूड लाइसेंस के संचालित हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग के पास इन दुकानों की कोई सूची या पंजीकरण रिकार्ड नहीं है। कई ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनियां इन्हीं गैरलाइसेंसी दुकानों से खाना मंगवाकर ग्राहकों तक पहुंचा रही हैं, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा बना हुआ है। नियमों के अनुसार, हर महीने कम से कम 10 दुकानों की जांच होनी चाहिए, लेकिन विभाग इस नियम का पालन नहीं कर रहा। जांच केवल जुर्माना लगाने या नमूना लेने तक सीमित रह गई है।
कार्यालय को नहीं पता कितनी दुकानें सक्रिय हैं
वर्तमान में खाद्य सुरक्षा कार्यालय को यह भी नहीं पता कि शहर में कितनी मिठाई, किराना या होटल की दुकानें हैं, और न ही यह जानकारी कि कितने फुटपाथ विक्रेता प्रतिदिन खाद्य सामग्री बेच रहे हैं। नियमतः सभी दुकानदारों का पंजीकरण जरूरी है, लेकिन बड़ी संख्या में बिना रजिस्ट्रेशन और बिना गुणवत्ता जांच के उत्पाद बेचे जा रहे हैं।
जनहित के साथ खिलवाड़, त्योहारों में बढ़ेगा खतरा
त्योहारों के मौसम में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की, तो दीपावली जैसे पर्व पर मिलावटी मिठाइयों से जनस्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। विभाग की लापरवाही न केवल प्रशासनिक विफलता है बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य के साथ सीधा खिलवाड़ भी।
Source : Dainik Jagran

