Bokaro: बोकारो के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. यू. मोहंती (76) का रांची एयरपोर्ट पर अचानक निधन हो गया। रांची एयरपोर्ट पर अचानक हुए हृदयाघात ने उनकी जीवन यात्रा को थाम दिया। वे अपनी पत्नी डॉ विजया मोहंती के साथ बेंगलुरु रूटीन चेकअप के लिए जा रहे थे, लेकिन सोमवार रात लगभग 9 बजे आई यह दर्दनाक खबर पूरे शहर को स्तब्ध कर गई।
उनके करीबी अनूप त्रिपाठी ने खबर कि पुष्टि कि है। उन्होंने बताया कि उनके पार्थिव शरीर को भुवनेश्वर ले जाया जाएगा, जहां परिजन अंतिम विदाई देंगे। उनकी पहले एक बार बायपास सर्जरी हो चुकी थी और इसी कारण वे नियमित रूप से रूटीन चेकअप के लिए जाते रहते थे। पर इस बार ऐसा कुछ, वह भी एयरपोर्ट पर हो जायेगा, किसी ने सोचा भी नहीं था।

डॉ. मोहंती सिर्फ एक डॉक्टर नहीं, बल्कि बोकारो की धड़कन थे। बोकारो जनरल अस्पताल में उनके प्रयासों से ब्लड बैंक की स्थापना हुई, जिसने असंख्य जिंदगियों को नई रोशनी दी। रेडक्रॉस बोकारो में भी उनके नेतृत्व में ब्लड बैंक शुरू हुआ। उनके काम ने उन्हें न सिर्फ एक चिकित्सक बल्कि समाजसेवी का दर्जा दिया।
बोकारो के उड़िया समाज को संगठित करने वाले संस्थापकों में उनकी गिनती होती थी। मधुर वाणी, नम्र स्वभाव और चेहरे पर सदा बनी रहने वाली मुस्कान उनकी पहचान थी। उन्हें देखने वाले हर व्यक्ति को लगता था जैसे जीवन में सकारात्मकता का संचार हो रहा हो।
बोकारो विधायक श्वेता सिंह:
“डॉ. यू. मोहंती का निधन बोकारो के लिए अपूरणीय क्षति है। वे केवल एक चिकित्सक नहीं थे, बल्कि समाज के लिए मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत थे। ब्लड बैंक जैसी जीवनदायी व्यवस्था स्थापित कर उन्होंने हजारों जिंदगियां बचाईं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति मिले।”
पूर्व विधायक बिरांची नारायण:
“डॉ. यू. मोहंती का जाना व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए भी गहरा आघात है। वे हमेशा समाज और सेवा को प्राथमिकता देते थे। उनके योगदान को बोकारो कभी भुला नहीं सकेगा। उनकी विनम्रता, मुस्कान और सेवा भाव सदैव याद किए जाएंगे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।”
झामुमो शहर अध्यक्ष मंटू यादव:
“डॉ. मोहंती ने बोकारो की चिकित्सा व्यवस्था और सामाजिक जीवन में अमूल्य योगदान दिया। वे हर वर्ग के लिए सहज और सुलभ थे। उनकी कमी को पूरा करना असंभव है। हम सब उनके परिवार के साथ इस दुख की घड़ी में खड़े हैं। भगवान से प्रार्थना है कि उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें।”
