Bokaro: हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी निवा बुपा के खिलाफ दर्ज एक शिकायत के मामले में स्थानीय जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (Consumer Disputes Redressal Commission) ने हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को ईलाज का खर्च 1.26 लाख रुपए भुगतान करने का आदेश दिया है. इस मामले पर फैसला जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण पांडे व महिला सदस्य बेबी कुमारी की बेंच ने सुनाया है.
वादी के तरफ से महिला अधिवक्ता पुष्पांजलि जायसवाल ने आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखा. मामले की शिकायत कैंप दो निवासी अजय कुमार सिंह के लिखित शिकायत पर शिकायतवाद संख्या 157/2023 के तहत दर्ज की गई थी. मामले में निवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक व अन्य को विरोधी पक्ष बनाया गया था.

क्या है मामला
कैंप दो निवासी अजय कुमार सिंह ने अपनी पत्नी समेत दो बच्चों के लिए बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से वर्ष 2019 में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदा था. वर्ष 2021 में श्री सिंह ने अपना हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी निवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से पोर्ट करा लिया. इसके बाद पॉलिसी का नियमित रूप से प्रत्येक वर्ष नवीकरण कराया जाता था. पॉलिसी के वैधता अवधि के दौरान वादी श्री सिंह की पत्नी पेट में अत्यधिक पीड़ा होने के कारण 19 अगस्त 2023 को कोलकाता के अपोलो अस्पताल गई. यहां मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए अपोलो अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे भर्ती कर लिया.
अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के आधार पर उसे भर्ती किया था. मरीज अपोलो अस्पताल में चार दिनों तक यानी 22 अगस्त 2023 तक भर्ती होकर अपना इलाज कराया. इस दौरान निवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने मरीज को कैशलैस क्लेम देने से इनकार कर दिया. शिकायतकर्ता ने किसी तरह अस्पताल के खर्च की राशि की व्यवस्था कर अस्पताल में जमा किया. इसके बाद मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया. निवा बुपा कंपनी ने यह कहते हुए क्लेम देने से इनकार कर दिया था कि मरीज विभिन्न तरह की चिकित्सा जांच कराने के उद्देश्य से अस्पताल में भर्ती हुआ था जबकि सच्चाई यह थी कि अपोलो के चिकित्सकों ने मरीज की गंभीर स्थिति व अत्यधिक पेट दर्द और शारीरिक पीड़ा को देखते हुए अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया था. दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष ने निवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के ग्राहक सेवा में कमी पाते हुए यह फैसला सुनाया है.
ईलाज का खर्च समेत मुआवजा व वाद खर्च देने का भी आदेश
आयोग के अध्यक्ष ने हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को शिकायतकर्ता के ईलाज खर्च की राशि एक लाख 11 हजार 272 रुपये का भुगतान 90 दिनों के अंदर करने का आदेश दिया है. इसके अलावा इंश्योरेंस कंपनी को मुआवजे के रूप में 10 हजार रुपये व वाद खर्च के रूप में पांच हजार रुपए का भी भुगतान करना होगा. निर्धारित दिनों के भीतर रुपए का भुगतान नहीं करने पर इंश्योरेंस कंपनी को केस दर्ज होने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 10 प्रतिशत सालाना ब्याज देना होगा.

