Bokaro: बोकारो टाउनशिप एक बार फिर अवैध अतिक्रमण चर्चा में है—इस बार, बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के बाहर बिना इजाज़त उसके जमीन पर पेड पार्किंग (Paid Parking) का तेज़ी से खुलना। बिजली के अवैध कनेक्शन, पानी की टैपिंग, अवैध कब्ज़ा कर बनी दुकानें-घर और बिना इजाज़त के लटके होर्डिंग्स के बाद, अब बीएसएल प्लांट के एंट्री गेट के सामने BSL की ज़मीन पर खुलेआम पेड पार्किंग एक फलता-फूलता धंधा बन गया है। बीएसएल में 20 हज़ार से भी ज्यादा ठेका मजदुर काम करते है। जिनसे बाइक या साइकिल खड़ा करने के लिए रूपये वसूले जाते है।
BSL के जमीन अवैध कब्ज़ा कर पेड पार्किंग जोन
बीएसएल की जमीन को अवैध तरीके से कब्जा कर पेड पार्किंग चलाने वाले CZ गेट, मनसा सिंह गेट, स्टील गेट और महुआर गेट के बाहर ‘फ़ायदेमंद’ स्टैंड चला रहे हैं। इनमे से कई पार्किंग स्टैंड एक साल के अंदर खुला है और महीने की कमाई कथित तौर पर लाखों में है। बोकारो के झारखण्ड मुक्ति मोर्चा यूनिट ने इसके खिलाफ आवाज़ उठाई है। झामुमो नगर अध्यक्ष मंटू यादव ने बीएसएल प्रबंधन से जाँच की मांग की है। See Video –
वैध पार्किंग स्टैंड से अधिक कमा रहे है अवैध पार्किंग
हालांकि BSL ने सिटी सेंटर, सेक्टर 5 हटिया, बोकारो मॉल व अन्य जगहों पर वैध पार्किंग ज़ोन बनाये हैं—जिन्हें नीलामी के ज़रिए विस्थापितों को सौंप दिया गया है। पर ये गैर-कानूनी पार्किंग को गैर-विस्थापित लोग चला रहे हैं और इससे काफी ज़्यादा कमाई हो रही है। अवैध तरीके से कब्ज़ा कर बनाये पार्किंग स्टैंड को इस तरह से पेश किया गया है जैसे वह भी वैध हो जिससे किसी को शक न हो। दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग रेट ₹10 प्रति शिफ्ट और साइकिल के लिए ₹5 तय किए गए हैं। प्लांट गेट के सामने हर शिफ्ट में हज़ार से ज़्यादा गाड़ियां पार्क होने से, यह कमाई टाउनशिप के अंदर के वैध पार्किंग ऑपरेटरों की कमाई से कहीं ज़्यादा है।
ठेका मजदूरों की मज़बूरी
इस पार्किंग का इस्तेमाल करने वालों में से ज़्यादातर प्लांट में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले ठेका मजदुर हैं। प्लांट में अंदर जाने के लिए, उन्हें गाड़ी के कागज़ दिखाने होते हैं— ऐसे डॉक्यूमेंट्स जो उनमें से कई के पास नहीं होते। इस वेरिफिकेशन से बचने के लिए, ठेका मजदुर गेट के बाहर अपनी गाड़ी पार्क करना पसंद करते हैं। प्लांट में काम करने वाले, ठेका मजदूर मृणाल कुमार ने बताया कि ये पार्किंग स्टैंड करीब एक साल से चालू है। उनकी गाड़ी का इंश्योरेंस एक्सपायर हो चूका है इसलिए वह भी बाइक इसी पार्किंग में खड़ी करते है। कई अन्य ठेका मजदूरों ने यह भी बताया कि पहले, गेट के बाहर पार्किंग फ्री थी। लेकिन पेट्रोल चोरी, बाइक चोरी और पार्ट्स निकालने की घटना बढ़ने लगी। इस कारण उन्हें पेड पार्किंग सिस्टम पर निर्भर रहने पर मजबूर होना पड़ा।
झामुमो के सवाल
JMM के मंटू यादव ने बीएसएल प्लांट के जमीन पर अवैध तरीके से पार्किंग स्टैंड चलाने वालो की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे गरीब-कमजोर ठेका मजदूरों पर लगाया गया “गुंडा टैक्स” बताया। उन्होंने सवाल किया कि बिना अंदरूनी सपोर्ट के अधिकतर प्लांट गेट पर इतने बड़े पैमाने पर अवैध पार्किंग स्टैंड कैसे फल-फूल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये पार्किंग स्टैंड सभी बीएसएल अधिकारियों – ईडी से लेकर फील्ड सुपरवाइजर – के नाक के नीचे चल रहा है। मंटू यादव ने तुरंत एक्शन लेने की मांग की, और इस बात पर ज़ोर दिया कि JMM जहां भी ठेका मजदूरों के अधिकारों से समझौता होगा, वहां अपनी आवाज़ उठाता रहेगा।
“क्या यह मुमकिन है कि बिना मिलीभगत के इतने सारे पार्किंग स्टैंड बनाए जा सकें ? क्या ED ह्यूमन रिसोर्स या CGM को पता नहीं है ? और अगर उन्हें पता है, तो कोई एक्शन क्यों नहीं लिया जाता ?”
JMM Mantu Yadav
BSL के चीफ ऑफ कम्युनिकेशंस, मणिकांत धान ने कहा कि बीएसएल प्लांट गेट के सामने ऐसा कोई भी पार्किंग स्टैंड के लिए जमीन अलॉट नहीं किया गया है। प्रबंधन इस मामले को देख रही है।

