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Bokaro: एक स्कूटी पर सवार होकर लहराते हुए जा रही 4 लड़कियों को SDO ने ओवरटेक करके पकड़ा, फिर जो हुआ…


Bokaro: जिला प्रसाशन द्वारा कई बार हिदायत देने के बावजूद ना ही नाबालिग लड़के-लड़की दो-पहिया चलाना छोड़ रहे है, और ना ही उनके माँ-बाप उनको वाहन देने से बाज आ रहे है। इसी का जीता-जागता उदहारण आज नयामोड़ के पास उस समय देखने को मिला, जब एक ही स्कूटी पर सवार होकर जा रही चार नाबालिग लड़कियों को खुद एसडीओ (SDO) ने पकड़ा।

चारो लड़किया ‘पापा की परी’ लिखे स्कूटी को व्यस्त रोड पर लहरा कर चला रही थी। बिना लाइसेंस, बिना हेलमेट के चारो लड़कियों हसतें-खिलखिलाते स्कूटी पर कोचिंग पढ़ने कोआपरेटिव कॉलोनी जा रही थी। इसी बीच उसी रास्ते से जा रहे एसडीओ चास दिलीप सिंह शेखावत (IAS) की नजर उनपर पड़ी। ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते जा रही उन स्कूटी सवार लड़कियों को देखकर एसडीओ भी एक पल के लिए सहम गए।

एसडीओ ने अपने गाड़ी के ड्राइवर को उन लड़कियों को फॉलो करने को कहा। उस समय अचानक उन लड़कियों को टोकना खतरनाक होता। कही वह घबरा कर गिर जाती तो दिक्कत हो जाती। इसलिए एसडीओ चुप चाप पीछे चलते रहे, थोड़ी दूर फॉलो करने के बाद नयामोड़ के करीब हंप के पास जैसे ही उन लड़कियों ने स्कूटी धीमी की, एसडीओ की गाड़ी तुरंत ओवरटेक कर उनको रोक लिया। अचानक सामने एसडीओ को खड़ा देख लड़किया सकपका गई।

एसडीओ ने ड्राइविंग लाइसेंस मांगा और गाड़ी के कागजात के बारे में पूछते हुए एक स्कूटी में चारो के एक साथ बैठने का कारण पूछा। तब तक लड़कियों के चेहरे का रंग उड़ चूका था। वह सभी एसडीओ के सामने सॉरी-सॉरी कहने लगी। उन्होंने कोचिंग जाने में देरी होने से बचने के लिए एक स्कूटी में जाने की बात कहने लगी। इतने में लोग भी जमा हो गए और उन लड़कियों के ऐसे गाड़ी चलाने को बिलकुल गलत बताया।

एसडीओ ने लड़कियों को समझाया की वह गलत कर रही है। ऐसे में अगर कोई हादसा हो जाता तो उनको गंभीर चोट लगती। इसके बाद एसडीओ ने मौके पर ट्रैफिक पुलिस को बुलाया और उन लड़कियों की स्कूटी को जप्त करने का आदेश दिया। उन लड़कियों को समझा-बुझाकर छोड़ दिया। फिर एसडीओ ने ट्रैफिक जवान को आदेश देते हुए कहा कि जब तक उन चारो लड़कियों के अभिभावक नहीं आते, स्कूटी को नहीं छोड़ना। उसके बाद वह चले गए।

इस बीच एक लड़की का भाई भी आया पर वह भी हेलमेट नहीं पहने था, इसलिए उसको भी पुलिस वालो ने खूब सुनाया। इधर एसडीओ के जाने के बाद लड़किया आपस में एक दूसरे को दोष देने लगी। उसके बाद लड़कियों ने सहमते हुए अपने-अपने अभिभावकों को घटना की सुचना दी। जिसके बाद वह नयामोड़ ट्रैफिक पोस्ट पहुंचे।

ट्रैफिक दरोगा अरविन्द सिंह ने लड़कियों के अभिभावकों को पूरी घटना बताई। उनको हिदायत देते हुए कहा कि वह अपनी नाबालिग बच्चियों को क्यों स्कूटी देकर उनकी जान खतरे में डाल रहे है। ना लाइसेंस है, ना हेलमेट उन्होंने कैसे लड़कियों को वह भी एक साथ चारो को बैठने की इजाजत दे दी। अभिभावक पुलिस के सामने शर्मिंदा हुए और आगे दोबारा ऐसी गलती नहीं करने की कसम खाये। जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने स्कूटी को छोड़ दिया।

इस घटना के बाद से एसडीओ ने बोकारो ट्रैफिक डीएसपी पूनम मिंज को नाबालिग लड़के-लड़कियों को वाहन चलाते हुए पकड़ने और गाड़ियों को जप्त करने का आदेश दिया है।


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