Bokaro: सेल (SAIL) के बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) के तहत इस्पात उत्पादन में हाइड्रोजन के उपयोग के लिए तीन पायलट परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें झारखंड के बोकारो स्टील प्लांट के भी शामिल होने की संभावना प्रबल है। इसको लेकर बीएसएल (BSL) संयंत्र में तैयारी भी चल रही है।
इस्पात उत्पादन में तीन पायलट परियोजनाओं को मंजूरी
इस मिशन के अंतर्गत 50 टन प्रतिदिन (TPD) का संयंत्र मैट्रिक्स गैस एंड रिन्यूएबल्स लिमिटेड द्वारा, 40 TPD का संयंत्र सिम्प्लेक्स कास्टिंग्स लिमिटेड द्वारा, और 3,200 TPD का संयंत्र स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) द्वारा लगाया जाएगा। इन परियोजनाओं को कुल 347 करोड़ रुपये का वित्तीय सहयोग मिलेगा और अगले तीन वर्षों में इनके चालू होने की उम्मीद है। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
इस्पात उद्योग में हाइड्रोजन तकनीक को बढ़ावा
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy) ने पहले इस्पात क्षेत्र में पायलट परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। इस योजना का उद्देश्य इस्पात निर्माण में हरित हाइड्रोजन के उपयोग के लिए उन्नत तकनीकों की पहचान करना और इनके सुरक्षित संचालन के साथ आर्थिक व्यवहार्यता का मूल्यांकन करना है। इससे कम कार्बन वाले इस्पात का उत्पादन संभव होगा।
सेलका योगदान कार्बन उत्सर्जन घटाने में
सेल ने ब्लास्ट फर्नेस में कोयला-कोक की खपत कम करने के लिए हाइड्रोजन के उपयोग पर आधारित परियोजना का प्रस्ताव रखा है। इस पहल के माध्यम से बोकारो स्टील प्लांट कार्बन उत्सर्जन को कम करते हुए इस्पात उत्पादन में एक नई दिशा दिखा सकता है। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
सरकार की हरित इस्पात परियोजनाओं को समर्थन
प्राप्त प्रस्तावों के मूल्यांकन के बाद, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy) ने इस्पात क्षेत्र में तीन पायलट परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें सेल की परियोजना भी शामिल है। सरकारी स्वामित्व वाली स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL), RDCIS को 3,200 टन प्रतिदिन (टीपीडी) की पायलट परियोजना के लिए चयनित किया गया है। यह परियोजना राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत हाइड्रोजन के उपयोग से इस्पात उत्पादन में नई तकनीकों का विकास करेगी। बोकारो स्टील प्लांट के ब्लास्ट फर्नेस में सेल रांची का RDCIS इस परियोजना पर काम कर सकता है। जल्द ही बीएसएल और RDCIS के अधिकारी इसको लेकर मिनिस्ट्री में प्रेजेंटेशन देने वाले है।
तकनीकी और आर्थिक व्यवहार्यता का मूल्यांकन
इन पायलट परियोजनाओं से हरित हाइड्रोजन आधारित इस्पात निर्माण प्रक्रियाओं के सुरक्षित संचालन का प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही, यह परियोजनाएं तकनीकी व्यवहार्यता और प्रदर्शन को मान्य करने के साथ-साथ उनकी आर्थिक व्यवहार्यता का मूल्यांकन करेंगी। इस तकनीक के उपयोग से कम कार्बन उत्सर्जन वाले लोहा और इस्पात का उत्पादन संभव हो सकेगा, जो पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x