Bokaro: मंगलवार को बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के शीर्ष प्रबंधन के निर्देश पर नगर प्रशासन विभाग की टीम ने सेक्टर 12D में स्थित लेबर कॉलोनी को ‘अवैध’ घोषित करते हुए खाली करने का नोटिस चिपकाया। बीएसएल की टीम सुबह 12D स्थित रणविजय कॉलेज की बाउंड्री के पीछे पहुंची और टीन की चादरों से बनी इस विशाल लेबर कॉलोनी के मुख्य द्वार पर नोटिस चिपकाया, जिसमें तीन दिनों के भीतर क्षेत्र खाली करने का निर्देश दिया गया है। नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि अवैध निर्माण तीन दिनों के भीतर नहीं हटाया गया, तो इसे नगर प्रशासन विभाग द्वारा ध्वस्त कर दिया जाएगा। Click this link to join currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1xनोटिस का विवरण
चिपकाए गए नोटिस में लिखा है: “This construction is being carried out Without any permission. It is therefore instructed to remove the illegal and Unauthorised construction by you within 03 days, failing which the same will be demolished by Town Administration Department and for any losses you will be only responsible. – By order, Town Administration Department (SAIL/BOKARO STEEL PLANT).” अवैध कॉलोनी पर प्रबंधन की गंभीरता
बीएसएल (BSL) की भूमि पर नई अस्थायी ‘स्मार्ट’ कॉलोनी के बसने के मामले में बीएसएल का शीर्ष प्रबंधन बेहद गंभीर हो गया है। इस मामले में नगर प्रशासन का संबंधित विभाग जांच के दायरे में है। लोगों के बीच चर्चा है कि इतने बड़े पैमाने पर बीएसएल की जमीन पर अवैध कब्जा हो गया और नगर प्रशासन के संबंधित विभाग को पता भी नहीं चला। देश की महारत्न कंपनी सेल-बीएसएल को राजस्व की हानि हो रही है। कुछ लोगों का कहना है कि प्लांट के अंदर लापरवाही से नुकसान हो जाए तो बीएसएल प्रबंधन तुरंत कार्रवाई करता है, लेकिन टाउनशिप में ऐसी लापरवाही पर बीएसएल का शीर्ष प्रबंधन किसी की जिम्मेदारी तय क्यों नहीं करता, जिससे आगे से ऐसा न हो और सख्त संदेश जाए। Click this link to join currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
बीएसएल के चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन मणिकांत धान ने कहा कि – “टीए विभाग ने संबंधित पक्ष को तीन दिनों के भीतर उस क्षेत्र से सभी अस्थायी शेड हटाने का नोटिस दिया है, जिसके बाद भी यदि वे नहीं हटाते हैं तो बीएसएल द्वारा उसे ध्वस्त कर दिया जाएगा।”
अवैध कॉलोनी की स्थिति
बताया जा रहा है कि यह अवैध कॉलोनी फोर लेन पर निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज की सीमा से बाहर है और बीते 30 दिनों में यहां आधुनिक तरीके से टीन की छतों से सजी-धजी एक नई अस्थायी बस्ती तैयार की गई है। इस संबंध में पांच दिन पहले, 20 फरवरी को www.currentbokaro.com ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी, जिसे सेल-बीएसएल के शीर्ष प्रबंधन ने संज्ञान में लिया और कार्रवाई शुरू की।
Bokaro: सेक्टर 12 में कब बस गई अस्थाई कॉलोनी, BSL प्रबंधन को नहीं चला पता, वैध या अवैध ?
पेड़ कटे, जमीन समतल हुई, लेकिन बीएसएल को ‘पता ही नहीं’
इतने बड़े क्षेत्र को समतल करना, दर्जनों पेड़ काटना और ड्रेनेज भरना यह सब कुछ बीएसएल अधिकारियों के नाक के नीचे हुआ और प्रबंधन को ‘पता भी नहीं चला’।बीएसएल (BSL) नगर प्रशासन की नीति के अनुसार, टाउनशिप में खाली मैदान में यदि कोई मेला या सम्मेलन आदि का आयोजन करना हो, तो 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर प्रतिदिन का किराया देना होता है। इसी तरह, मजदूर मैदान में मेला लगाने के लिए प्रतिदिन 10,000 रुपये देने होते हैं। तिब्बत मेला और अन्य आयोजकों से भी बीएसएल अच्छा राजस्व वसूलता है। लेकिन, सेक्टर 12D की ‘विशेष’ अस्थायी कॉलोनी से बीएसएल को कितना किराया मिल रहा है, यह सवाल का जवाब बीएसएल प्रबंधन इसलिए नहीं दे पा रहा है, क्योंकि किसी को पता ही नहीं कि यह किसकी अनुमति से स्थापित हुई है। अब अधिकारी सतर्कता विभाग से डरे हुए हैं। बीएसएल की नीति के अनुसार, नगर प्रशासन विभाग को इस अस्थायी कॉलोनी से लाखों का राजस्व मिलना चाहिए था। Click this link to join currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x