बोकारो स्टील टाउनशिप में गाड़ी वाशिंग सेंटरों की गिनती अब शायद बीएसएल के वाटर सप्लाई विभाग को खुद भी नहीं पता। बीएसएल की जमीन पर अवैध वाशिंग सेंटर ऐसे खुल रहे हैं जैसे किसी स्कीम के तहत ‘फ्री लाइसेंस’ बांटे जा रहे हों। हर सेक्टर में नए सेंटर खुल रहे हैं, और अधिकारी ? वे शायद ध्यान साधना में व्यस्त हैं—“देखो मगर कुछ बोलो मत !”
बीएसएल भूमि पर फल-फूल रहा अवैध वाशिंग सेंटर का धंधा
Bokaro Steel Township में इन दिनों बिना अनुमति के गाड़ी वाशिंग सेंटर तेजी से खुलते जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि यह सेंटर बीएसएल (BSL) की जमीन पर कब्जा कर चल रहे हैं और BSL प्रबंधन इन्हें रोकने में नाकाम दिख रहा है। बताया जा रहा है कि इन अवैध सेंटरों में बीएसएल की मेन पाइपलाइन से पानी चोरी कर उपयोग किया जा रहा है। इससे न केवल जल संसाधन बर्बाद हो रहे हैं, बल्कि वैध रूप से चलने वाले सर्विस सेंटर और पेट्रोल पंप भी प्रभावित हैं।
पानी चोरी और विभाग की चुप्पी पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर बीएसएल का वाटर सप्लाई डिपार्टमेंट इस मुद्दे पर चुप क्यों है। कौन है बीएसएल वाटर सप्लाई डिपार्टमेंट का हेड जिन्हे ये दिख नहीं रहा है ? हर सेक्टर में अवैध वाशिंग सेंटर खुलते जा रहे हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। इसके कारण टाउनशिप में पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है और कई सेक्टरों में पानी टंकी तक नहीं पहुंच पा रहा। क्वार्टर में रहने वाले लोग रोज पानी की किल्लत झेलने को मजबूर हैं, जबकि BSL के वरीय अधिकारी मौन साधे हुए हैं।

सेक्टर 9 से शुरू हुई थी अवैध वाशिंग सेंटरों की कहानी
सूत्रों के अनुसार, इस अवैध धंधे की शुरुआत बीएसएल के सेक्टर 9 से हुई थी। पहले बसंती मोड़ पर कुछ सेंटर खुले, जिन पर कार्रवाई भी हुई थी। उस वक्त बीएसएल ने कुछ पाइप और मोटर जब्त किए थे। दो साल में वही ‘मॉडल’ हर सेक्टर में कॉपी हो गया। लेकिन पिछले दो वर्षों में विभाग की निष्क्रियता के चलते हर सेक्टर में इसी तरह के अवैध वाशिंग सेंटर खुल गए हैं और ये अब खुलेआम संचालित हो रहे हैं।
पानी और बिजली की दोहरी चोरी, बीएसएल को हो रहा भारी नुकसान
इन गाडी वाशिंग सेंटरों के मालिक बीएसएल की मेन पाइपलाइन से अवैध कनेक्शन लेकर पानी का उपयोग करते हैं और पंप चलाने के लिए बिजली की भी चोरी करते हैं। बीएसएल की भूमि पर कब्जा कर ये धंधा खुलेआम फल-फूल रहा है। हैरानी की बात यह है कि यह सब कुछ ईडी (Human Resource) और डायरेक्टर इंचार्ज की नाक के नीचे हो रहा है। नतीजतन, बीएसएल को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है और लोग दुखी हैं।
शुद्ध पानी की कीमत और उसकी बर्बादी
बोकारो स्टील टाउनशिप में जो पानी सप्लाई होता है, वह किसी RO पानी से कम शुद्ध नहीं है। लगभग 4 लाख लोग इस सप्लाई पर निर्भर हैं। बीएसएल प्रत्येक लीटर पानी की फिल्ट्रेशन और सप्लाई पर लगभग 1.25 पैसे खर्च करता है। इस शुद्ध पानी का इस्तेमाल गाड़ी वाशिंग सेंटरों में हो रहा है।
स्थानीयों की मांग: अवैध वाशिंग सेंटरों पर तुरंत कार्रवाई हो
स्थानीय लोगों ने बीएसएल प्रबंधन से मांग की है कि इन अवैध वाशिंग सेंटरों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। साथ ही पानी चोरी में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि पानी चोरी की समस्या से टाउनशिप को राहत मिल सके।

