Bokaro: बोकारो टाउनशिप में अवैध तरीके से बैनर-पोस्टर लगाने का खेल निराला है। पिछले सप्ताह बीएसएल (BSL) के उच्चाधिकारियों ने टाउनशिप में लगे अवैध बैनर और होर्डिंग हटाने के लिए अभियान चलाने का आदेश दिया था। लेकिन इसके बावजूद आदेश का जमीनी स्तर पर पूरी तरह से पालन होता नहीं दिख रहा है। बैनर लगाने वालों में मुख्य रूप से कोचिंग संस्थान हैं, जो बीएसएल के नियमों को दरकिनार कर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
शहर में बेतहाशा अतिक्रमण और मकानों पर अवैध कब्जे की तरह ही अब सड़कों पर लगे बैनर और होर्डिंग्स में भी ‘सेटिंग’ का खेल देखने को मिल रहा है। अधिकारियों के आदेश के बावजूद टाउनशिप में सबसे ज्यादा आवाजाही वाले इलाके- सिटी सेंटर, डीपीएस, डीएवी, चिन्मय और दूसरे निजी स्कूलों के सामने- अभी भी बैनर और होर्डिंग्स से पटे पड़े हैं। Click to join Whatsapp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
औपचारिकता के तौर पर बीएसएल (BSL) की टीम ने बोकारो निवास, गांधी चौक, एडीएम के आसपास समेत कुछ चुनिंदा जगहों पर बिजली के खंभों से बैनर हटा दिए हैं। सोमवार को भी बीएसएल की टीम बैनर व होर्डिंग हटाने गई थी। टीम ने डीएवी के सामने मोड़ पर लगे दो होर्डिंग भी हटाए। लेकिन उन पर संस्थान का नाम व लोगो लिखा छोड़ दिया। बोकारो मॉल के सामने रेस्टोरेंट का होर्डिंग भी हटा दिया गया, लेकिन बड़ी सफाई से उसका नाम भी छोड़ दिया। हटाने की इस तकनीक को देखकर लोग चर्चा करते हुए कह रहे है की सेटिंग होगा इसलिए छोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि बीएसएल के आला अधिकारियों को यह एहसास है कि खम्बा गाड़कर या बिजली के पोल पर टंगे अवैध बैनर और होर्डिंग से न सिर्फ शहर की खूबसूरती ख़राब हो रही है, बल्कि राजस्व की हानि के साथ एक अलग तरह का कारोबार पनप रहा है। यदि यह तूफान या बारिश के दौरान गिर जाए तो सड़क पर चल रहे लोग घायल हो सकते हैं।
नगर प्रशासन और बीएसएल का जनसंपर्क विभाग अवैध बैनर और होर्डिंग के खिलाफ कड़ी योजना बना रहा है। एक अधिकारी के अनुसार इसी सप्ताह नोटिस जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद जल्द ही बड़े पैमाने पर बैनर-होर्डिंग हटाने का अभियान चलाया जाएगा।