Bokaro: राजस्व वसूली को लेकर सख्त हुआ सेल-बीएसएल प्रबंधन अब हर तरफ अपनी नजरे टेढ़ी कर रहा है। संस्थानों को लीज फेल का नोटिस भेजने, अतिक्रमित जमीनों पर डोज़र चलाने के साथ-साथ अब बीएसएल आवासों को अवैध कब्ज़े से मुक्त कराने के लिए बड़ा और कड़ा कदम उठाने जा रहा है। बीएसएल ऐसा कुछ करने जा रहा है जो आज तक के इतिहास में नहीं हुआ।
बीएसएल के ईडी (पी&ए) राजन प्रसाद और सीजीएम नगर प्रसाशन कुंदन कुमार की जुझारू टीम एक नई स्ट्रेटेजी पर काम करना शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि बीएसएल का लैंड एंड एस्टेट (हाउस अलॉटमेंट) विभाग अपने पूरे 37,000 आवासों का डोर-टू-डोर सर्वे कराकर वास्तविक स्थिति का पता लगाये गा।
इस सर्वे से जुड़े प्रपोजल को डिस्कशन के बाद प्रभारी डायरेक्टर इंचार्ज अतानु भौमिक के पास अप्रूवल के लिए भेजा जा रहा है। वह भी इसपर गौर फरमा रहे है। सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश से सलाह लेने के बाद जल्द इसपर अतनु भौमिक आगे बढ़ेंगे।
BSL आवासों की मैपिंग
बीएसएल आवासों में बढ़ता अवैध कब्ज़ा अब नासूर बन गया है। पिछले एक दशक से इससे ना सिर्फ वैधानिक तौर पर रहनेवाले बीएसएल और रिटायर्ड कर्मचारी परेशान है, बल्कि पूरा टाउन असुरक्षित महसूस करता है। टाउनशिप का ऐसा कोई भी सेक्टर नहीं है जहां बीएसएल आवासों पर कब्ज़ा नहीं है। सही मायने में अवैध कब्ज़े से छुटकारा पाना बीएसएल के लिए मज़बूरी बन गया है, क्युकी नगर प्रसाशन के अधिकारी और कर्मियों की बदनामी हो रही है।
बदनामी घोंट नहीं पा रहे BSL अधिकारी
पुराने अधिकारी तो चुप रहकर निकल गए, लेकिन पिछले छह-आठ महीनो में बनी नई टीम इस बदनामी को घोंट नहीं पा रही है। बता दें, सेल प्रबंधन ने नगर प्रसाशन के कई विभागों में प्लांट से लाकर अधिकारी बैठा दिए है। इन अधिकारियों को ऐसे कल्चर में काम करने की आदत नहीं है और बदनामी से बेहद डरते है। इधर राजस्व वसूली को लेकर सेल प्रबंधन ने प्रेशर बढ़ाया हुआ है। इसलिए यह अधिकारी खुल कर मैदान में आ गए है।
फिलहाल BSL नगर प्रसाशन अनुमान पर चल रहा है
हाउस अलॉटमेंट विभाग के जीएम अलोक चावला की टीम ने बीएसएल के पूरे आवासों की मैपिंग कराने की ओर कदम बढ़ाया है। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। वैध और अवैध की संख्या सामने होगी। जिसपर कार्रवाही करना आसान होगा। वर्तमान में बीएसएल के कितने क्वार्टरों पर कब्ज़ा है, कबसे कब्ज़ा है, किसने कब्ज़ा किया है, उस आवास में कौन रह रहा है आदि ऐसे कई सवालो के पॉइंट-टू-पॉइंट जवाब नगर प्रसाशन के पास नहीं है। सब अनुमान पर चल रहा है।
सर्वे में यह होंगी जानकारियां
डोर-टू-डोर सर्वे में एक-एक चीज़ सामने आ जाएगी। बीएसएल प्रबंधन सर्वे से प्राप्त जानकारियों को पोर्टल पर डाल देगा। मोबाइल एप्प बनाने पर भी विचार हो रहा है। जिसको समय-समय पर अपडेट करना आसान हो जायेगा। इससे मकानों में अवैध कब्ज़ा करना आसान नहीं होगा। अगर किसी ने जुर्रत की भी तो सिक्योरिटी की टीम जा कर मकान खाली करवा लेगी।
बीएसएल सर्वे में सिर्फ क्वार्टर के स्टेटस की जानकारी नहीं होगी, बल्कि उसमे रहने वाले लोगो का भी विवरण होगा। अगर बीएसएल आवास में आउट हाउस है और उसमे किराया लगा हुआ है तो उससे जुड़ा विवरण भी लिखा होगा। यह सर्वे प्राइवेट एजेंसी, नगर प्रसाशन के सख्त निगरानी में करेगी। अगर सब ठीक रहा तो आगामी छह से आठ महीने में काम पूरा हो जायेगा और आवासों की वास्तिविक स्तिथि बीएसएल अधिकारियों के सामने आनी शुरू हो जाएगी।
BSL में इतने है आवास
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीएसएल टाउनशिप में 37,382 आवास है। जिनमे ए टाइप क्वार्टर 26 है, बी टाइप 537, सी टाइप 4006, डी टाइप 7664, ई टाइप 24,430 और ऍफ़ टाइप और हॉस्टल मिलाकर 723 क्वार्टर। इनमे करीब 400 क्वार्टरों पर एविक्शन आर्डर पास है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 4000 से अधिक बीएसएल के आवासों पर अवैध कब्ज़ा है। जो अब सामने आ जायेगा।
बीएसएल के हाउस अलॉटमेंट टीम में है – जनरल मैनेजर अलोक चावला, अस्सिटेंट जनरल मैनेजर, जितेंद्र कुमार, असिस्टेंट मैनेजर एस के सिंह, जूनियर ऑफिसर दिवाकर शरण और अलॉटमेंट के मनोज सिंह