Bokaro: शहर में बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) की नई नीति और पेड पार्किंग का नया कॉन्सेप्ट आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। लोगों का कहना है कि जो अवैध कब्जाधारी हैं, उन्हें पूरी सुविधाएं मिल रही हैं, जबकि जो वैध तरीके से रह रहे हैं और शुल्क भर रहे हैं, उन्हीं पर नए-नए नियम थोपे जा रहे हैं। इसका ताज़ा उदाहरण सेक्टर-5 हटिया और सिटी सेंटर में देखने को मिल रहा है। Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
सिटी सेंटर में भी शुरू हुआ विरोध
सेक्टर-5 के बाद अब बीएसएल ने सिटी सेंटर में पेड पार्किंग लागू कर दी है, जिससे प्लॉटधारकों और दुकानदारों में नाराजगी बढ़ गई है। दुकानदारों को डर है कि ग्राहक आना बंद कर देंगे। पेड पार्किंग पुलिस क्लब की तरफ, श्री लेदर कंपाउंड में शुरू की गई है। लोग का कहना है कि – बीएसएल ने पुराने सिटी सेंटर के पार्किंग स्टैंड में पेड पार्किंग लगाने की हिम्मत नहीं दिखाई, जहां असल में जाम और ट्रैफिक की समस्या है, बल्कि ऐसे क्षेत्र को चुना, जहां पार्किंग की कोई समस्या नहीं थी। यह कदम ग्राहक की संख्या में भारी गिरावट ला सकता है, क्योंकि लोग छोटी-छोटी खरीदारी के लिए अतिरिक्त पार्किंग शुल्क देने से बचेंगे। खरीदारी करने आये एक व्यक्ति मनोज कुमार ने कहा – “बीएसएल का ये कदम जनता की सुविधा से ज़्यादा, अपने बॉस को खुश करने वाला लगता है।”
“राहत नहीं, विवाद बढ़ाने वाली योजना”
स्थानीय लोगों का सीधा आरोप है—”बीएसएल में जाने कौन ऐसे आइडिया दे रहा है, जिससे राहत नहीं, बल्कि विवाद खड़ा हो जाए ?” सेक्टर 5 की हटिया छोड़कर लोग अब सिटी सेंटर में लगने वाली अवैध हटिया में जा रहे हैं। सिटी सेंटर में भी यही होगा, लोग यहाँ नहीं आकर फुटपाथ की दुकानों से सामान खरीदेंगे, या दूसरी तरफ चले जाएँगे। “पहले अवैध हटाओ, फिर दिमाग़ चलाओ !”
सेक्टर-5 हटिया, जो कभी रौनक से भरा रहता था, अब सूना पड़ने लगा है। पहले विक्रेताओं से शुल्क लिया गया, फिर सप्ताह में सिर्फ तीन दिन बाजार लगाने का नियम लागू कर दिया गया। अब पेड पार्किंग ने ग्राहकों की संख्या और घटा दी है। लोग सवाल उठा रहे हैं—”100 रुपये की सब्जी लेने के लिए पहले पार्किंग शुल्क क्यों दें? वह भी गाड़ी दूर कीचड़ में लगाकर?“Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
अवैध कब्जों पर चुप्पी, वैध व्यापारियों पर सख्ती
व्यापारियों का आरोप है कि बीएसएल 1950 एकड़ जमीन पर हो रहे अवैध कब्जों और बिजली चोरी पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा, जबकि वैध व्यापारियों और प्लॉटधारियों पर लगातार नए शुल्क थोपे जा रहे हैं। BAKS के हरिओम का कहना है—”साधारण जनमानस तो शुल्क देने में कोई समस्या नहीं है, परन्तु जो अतिक्रमणकारियों है, जिन्होंने वर्षों से कोई शुल्क नहीं दिया उनके विषय में नगर सेवा गंभीरता क्यों नहीं दिखाता ?”
एसोसिएशन की चेतावनी
सिटी सेंटर ट्रेडर्स एसोसिएशन का आरोप है कि योजना बिना सलाह-मशविरा लागू की गई है। प्रकाश कोठारी ने कहा—”पहले स्पष्ट जानकारी दी जानी चाहिए थी कि कितना पार्किंग फ्री और कितना चार्जेबल होगा।” सचिव ज्योति प्रकाश द्विवेदी ने याद दिलाया—”पहले भी बिना चर्चा की गई योजनाएं फेल हो चुकी हैं।” Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x
बढ़ रहा विवाद
बीएसएल (BSL) का कहना है कि योजना ट्रैफिक सुधार के लिए है, लेकिन जनता से राय न लेने और अवैध कब्जों पर चुप्पी के कारण यह कदम विरोध का कारण बन गया है। व्यापारी चाहते हैं कि पहले अतिक्रमण हटाया जाए, मौजूदा पार्किंग को व्यवस्थित किया जाए, फिर नई नीति लागू हो। स्थानीय लोगों का कहना है—”बोकारो सिर्फ बीएसएल का नहीं, बल्कि यहां के बाशिंदों का भी है, और बिना जनता की भागीदारी के कोई भी नीति टिक नहीं सकती।” Follow the currentbokaro channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x