Bokaro Steel Plant (SAIL) Hindi News

Bokaro Township: अधिकारियों के नज़र से गायब 2000 एकड़ का अवैध निर्माण, वैध प्लॉट धारकों के बोर्ड-टिन शेड पर हथौड़ा


Bokaro: बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के टाउन एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारी इन दिनों अतिक्रमण को एक ऐसे नजरिये से देख रहे हैं, जहां 2000 एकड़ में फैला अवैध निर्माण दिखाई ही नहीं देता। उनकी नजर लीज पर आवंटित प्लॉटों के सामने लगे छोटे बोर्ड, टिन शेड और बरामदों पर है। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि अवैध कब्जाधारी बिना किसी डर के वैध प्लॉट धारकों के निर्माण को टूटते हुए देखते हैं, क्युकी उनके अपने अवैध निर्माण सुरक्षित हैं। Join Whatsapp:  https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

वैध प्लॉटधारकों के साथ भेदभाव का आरोप 
कई प्लॉटधारकों का कहना है कि बीएसएल प्रबंधन वैध रूप से रहने वाले प्लॉटधारकों के साथ ऐसा व्यवहार कर रहा है जैसे वे अवैध कब्जाधारी हों। वहीं, अवैध निर्माणों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बीएसएल प्रबंधन की नजर अवैध निर्माण हटाने को लेकर केवल सिटी सेंटर और लक्ष्मी मार्केट के प्लाट तक ही सीमित रह गई है। प्लॉटधारकों का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि यह अभियान सिर्फ ऊपरी अधिकारियों को दिखाने और खुश करने के लिए चलाया जा रहा है। बीएसएल प्रबंधन का यह हथौड़ा सब प्लाट होल्डर पर भी एक सामान रूप से नहीं चल रहा है।

प्रमुख दुकानों और शोरूम्स पर कार्रवाई
शहर के लोगों का मानना है कि प्लॉट के प्रमुख दुकानों और शोरूम्स पर बीएसएल टीम का ध्यान ज्यादा है, क्योंकि इससे उनके कार्रवाई को ज्यादा प्रचार मिलता है। भले ही शहर की मुख्य सड़कों पर बड़े-बड़े अवैध होर्डिंग्स और फ्लेक्स लगे हों, बीएसएल की टीम उन पर ध्यान नहीं देती। वे प्लॉट के दुकानदारों के बोर्ड और होर्डिंग्स को अवैध घोषित कर कार्रवाई करती है, खासकर सिटी सेंटर के प्रतिष्ठित दुकानों और शोरूम्स पर। Join Whatsapp:  https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

अतिक्रमण में बढ़ोतरी और BSL की निष्क्रियता 
बोकारो टाउनशिप में रहने वाले लोगों का कहना है कि पिछले दो सालों में शहर के बीचों-बीच अतिक्रमण तेजी से बढ़ा है। 24 फीट सड़क से पीछे हटने के निर्देश के बाद जगह-जगह अवैध दुकानें और पक्के निर्माण किए गए हैं। बीएसएल की टीम उनकी अवैध बिजली काटकर या उनका बाहर रखा सामान पीछे करवा कर अपनी ड्यूटी पूरी कर लेती है। एक प्लॉट होल्डर ने कहा कि बीएसएल के कुछ अधिकारी मानते हैं कि गरीबों के अवैध निर्माण को तोड़ने पर उन्हें बददुआ लगेगी। ऐसे अधिकारियों को ये भी समझना चाहिए कि वैध तरीके से टैक्स और बिल भरने वाले लोगों की बददुआ उन्हें और ज्यादा लगेगी, जिन्हें इस तरह की पीड़ा दी जा रही है। Join Whatsapp:  https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

स्थानीय लोगों में आक्रोश
स्थानीय निवासी जय कुमार ने बताया, “हमारे दुकान के आगे लगे बोर्ड को ये लोग अवैध बताये। जिसे हथोड़ा लिए बीएसएल की पूरी फ़ौज आई और तोड़ दी। वहीं, सड़क के दूसरी तरफ जो अवैध दुकानें और गुमटियां फ्री बिजली और जमीन का कब्जा किए हुए हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। क्या यही न्याय है?” जय की बातें शहर के अन्य प्लॉटधारकों की भी भावना दर्शाती हैं, जो बीएसएल की चयनात्मक कार्रवाई से नाराज हैं। बीएसएल की टीम प्लॉट के सामने गाड़ी और जेनरेटर रखने के लिए बने टिन शेड तक को अवैध बता तोड़ दे रही है।

आगामी चुनाव में वोट के जरिए नाराजगी 
सिटी सेंटर और लक्ष्मी मार्केट में बीएसएल द्वारा की जा रही कार्रवाई से प्लॉटधारकों में भारी रोष है। वे सवाल कर रहे हैं कि बीएसएल की टीम सड़क किनारे अवैध निर्माणों पर कार्रवाई क्यों नहीं करती। साथ ही, उनका यह भी कहना है कि स्थानीय भाजपा विधायक भी उनकी कोई मदद नहीं कर रहे हैं। विपक्षी नेता मौन है। कुछ लोगों का कहना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वे अपने वोट के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर करेंगे। Join Whatsapp:  https://whatsapp.com/channel/0029Va98epRFSAsy7Jyo0o1x

अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत प्लॉट धारकों के खिलाफ चल रही मुहिम पर बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के चीफ ऑफ कम्युनिकेशन से बयान लेने की कोशिश की गई। उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा –  “वैध तरीके से निर्मित किसी भी संरचना को अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत नहीं तोड़ा गया है.”

Bokaro Steel Plant: निदेशक-प्रभारी की सख्त चेतावनी, “अतिक्रमण हटाए बिना चैन से नहीं बैठेंगे”

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