Bokaro: ठंड के दिनों में अधिकतर लोग पर्यटन स्थलों में घूमने और पिकनिक मनाने जाते हैं। बोकारो शहर में साल के अंतिम दिनों और शुरुआत में पिकनिक की धूम रहती है। डैम और पार्को में लोग घूमने जाते है। खासतौर पर साल के पहले दिन पिकनिक मनाने और घूमने का बोकारो में रिवाज सा है।
बोकारो टाउनशिप से सटे गरगा डैम या फिर सिटी पार्क, कूलिंग पोंड, जवाहरलाल नेहरू उद्यान आदि में घूमने या पिकनिक मनाने ज्यादातर निवासी जाते है। पर इन दिनों इन स्पॉटों का हाल बेहाल है। अगर आप इन जगहों पर घूमने जा रहे है, तो यकीन मानिये बदहाली देखकर आपका दिल रो देगा। एक समय अपनी सुंदरता के लिए जाना-जाने वाले यह टूरिस्ट स्पॉट, अपनी चमक ख़राब रखरखाव के चलते खो चुके है।
बता दें कि गरगा डैम, सिटी पार्क, कूलिंग पोंड, जवाहरलाल नेहरू उद्यान आदि के रख-रखाव की जिम्मेवारी बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL), नगर प्रसाशन के हॉर्टिकल्चर विभाग की है। वास्तविक स्तिथि यह है की इन स्थानों पर जा रहे लोग, वहाँ के ख़राब रख-रखाव और गंदगी के लिए बीएसएल के नगर प्रसाशन को दम भर कोस रहे है।
शनिवार को गरगा डैम और सिटी पार्क में बहुत कम भीड़ दिखी। बहुत से लोग गंदगी और बदहाली के चलते नहीं गए या फिर आकर लौट गए। गरगा डैम गए सेक्टर-2 निवासी सुजय कुमार ने कहा, “यह देखकर बहुत दुख हुआ कि यह सुन्दर स्थान उचित देखभाल के अभाव में अपना आकर्षण खो रहा है। खासकर सड़क किनारे हर जगह झाड़ियां नजर आ रही हैं। कुछ जगहों पर ये झाड़ियां जली हुई है। हर जगह कचरा फेंका हुआ है। सब गंदा है”।
गरगा डैम बीएसएल के स्वामित्व वाला एक जलाशय है। यह टाउनशिप से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नेशनल हाईवे से गरगा डैम जा रही सड़क के दोनों और 5 फ़ीट ऊँची झाड़िया है। डैम के ऊपर ब्रिज के रेलिंग पर, पास के रहने वाले लोग कपड़ा सुखाते है। सड़कें काफी खराब। उसमे बड़े-बड़े गड्ढे है। झाड़ियों के चलते लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पोल है, पर जंग लगा हुआ और लाइट तो है ही नहीं। पुरे परिसर में कचड़े का अम्बार और बदबू है।
वहीं शहर के बीचो बीच स्थित सिटी पार्क भी गंदगी के कारण निवासियों को निराश कर रहा है। रखरखाव के अभाव में पिकनिक मनाने वालों की संख्या काफी कम हो गई है। छोटे-छोटे फव्वारे टूटे हुए हैं जबकि शौचालय जर्जर अवस्था में हैं। बोटिंग करने लोग जा रहे है। पर अधिकतर लोग पानी गन्दा होने और दुर्गंध आने की शिकायत का रहे है।
सेक्टर-4 के चिड़ियाघर भी पर्यटकों को खराब रख-रखाव के चलते दुखी का रहा है। बोकारो चिडिय़ाघर में कई जगहों पर बाउंड्री वॉल टूटी हुई है। बच्चों और पर्यटकों को आकर्षित करने के वाले जानवर जैसे की टाइगर आदि नहीं है। पिछले कुछ वर्षों से चिड़ियाघर में कोई नया जानवर नहीं लाया गया है। जो संख्या थी वह कम हो गई।
कूलिंग पोंड की हालत और बुरी है। बगल के बस्ती में रहनेवालो के लिए यह नहाने-धोने की जगह बन गई है। सूर्यास्त और सूर्योदय के सुरम्य दृश्यों के लिए जाना जाने वाला कूलिंग पोंड अपनी गरिमा खो चूका है। बीएसएल प्रबंधन इसके सुंदरता को बचाने का कोई प्रयास कई सालो से नहीं कर रहा है।
आम जनता की बात छोड़िये, टाउनशिप में काम करने वाले 11,000 कर्मियों और अधिकारियो के लिए अपने शहर में घूमने के लिए कोई भी जगह नहीं बची है। बीएसएल नगर प्रसाशन (TA) के हॉर्टिकल्चर विभाग के नजरअंदाज करने की कला ने पिछले तीन-चार सालो में शहर की खूबसूरती को लील लिया है।