Bokaro: बोकारो के गोमिया प्रखंड के सीमावर्ती इलाको से सटे जिलों के बीच भटक रहे जख्मी हाथी से स्थानीय लोगों में भय का माहौल है। हाथी ने फसलों और कई घरों को नुकसान पहुंचाया है। बताया जा रहा है कि हाथी के आक्रामक होने का मुख्य कारण उसके पैर में लगी चोट है। वह लंगड़ा कर भी चल रहा है।
हाथी को बेहोश कर किया जाएगा उपचार
बोकारो के वन प्रभागीय अधिकारी (DFO) रजनीश कुमार ने कहा कि “वन विभाग को प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (PCCF) से हाथी को बेहोश कर इलाज करने की अनुमति मिल गई है, और जल्द ही इसका एक्स-रे किया जाएगा,” ।
वन विभाग की एक विशेष टीम को हाथी के पीछे लगाया है जिसमें एक पशु चिकित्सक, पैरा-वेटरिनरी, महावत और अनुभवी वन कर्मचारी शामिल हैं। यह टीम पिछले कुछ दिनों से हाथी की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। निरीक्षण के दौरान यह पता चला कि हाथी के दाएं अगले पैर में सूजन है और वह लंगड़ा कर चल रहा है। हालांकि, कोई बाहरी चोट नहीं मिली है, लेकिन इसके मल में प्लास्टिक और अनाज मिले, जिससे इसकी खराब सेहत का संकेत मिलता है।
विशेषज्ञ करेंगे हाथी की जांच
पशु चिकित्सक ने हाथी की हड्डियों और जोड़ों की जांच के लिए एक्स-रे, पैर के पैड की जांच, और जैविक नमूनों के संग्रह की सिफारिश की है। हाथी की सुरक्षा और चिकित्सा प्रक्रिया की सफलता सुनिश्चित करने के लिए टीम ने सुझाव दिया है कि हाथी को बेहोश कर एक सुरक्षित स्थान पर अस्थायी रूप से रोक कर उसका उपचार किया जाए।
गांवों में लगातार दिख रहा हाथी, लोगों में दहशत
यह हाथी कई बार हजारीबाग और बोकारो जिलों के मानव बस्तियों के पास देखा गया है, जिससे स्थानीय लोगों और खुद हाथी दोनों के लिए खतरा बढ़ गया है। शुक्रवार को बोकारो के गोमिया क्षेत्र में देखा गया था, जहां से यह हाथी हजारीबाग के दारू इलाके में प्रवेश कर गया था, और आज रामगढ़ के चरगी क्षेत्र में देखा गया।
वन विभाग ने अधिकारियों से हाथी को एक सुरक्षित स्थान पर tranquilize करने की मंजूरी मांगी है, जहां उसे उचित चिकित्सा देखभाल मिल सके, ताकि स्थानीय निवासियों और हाथी दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। जो मिल गई है।
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