Bokaro: सर्दियों में जानवरों की दिनचर्या बदल जाती है। कोरोना वायरस के तीसरी लहर में बोकारो के चिड़ियाघर के जानवर-पक्षी सुरक्षित हैं। हालांकि, कुछ दिन पहले चिड़ियाघर को बंद कर दिए जाने से जानवरों के मूड में कुछ बदलाव जरूर नजर आया है। जहां कुछ जानवरों की शरारतें बढ़ गई हैं तो वहीं कुछ अपने कमरों में ही आराम फरमाना पसंद कर रहे हैं।
बीएसएल के चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन, मणिकांत धान ने बताया कि चिड़ियाघर में दिसंबर की शुरुआत से ही पशुओं की विशेष देखभाल के प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ बाड़ों में हीटर लगाया गया है। शाकाहारी जानवरो को गर्म रखने के लिए उनके बाड़ों में अतिरिक्त घास (पुआल) बिछाई गई है। पक्षियों के बाड़े में गर्म करने के लिए बल्ब की व्यवस्था की गई है। साथ ही जानवरों को फिट रखने के लिए उन्हें विटामिन और कैल्शियम सप्लीमेंट भी दिए जा रहे हैं।
बोकारो चिड़ियाघर के कर्मचारी जानवरों को उनकी प्रतिरक्षा शक्ति बनाये रखने के लिए कैल्शियम, विटामिन, बी-कॉम्प्लेक्स और शहद दे रहे हैं। तेंदुए, बाघ और काले हिरण को कैल्शियम, बी-कॉम्प्लेक्स और विटामिन-ए दिया जा रहा है, क्युकी यह ठंड के प्रति ज्यादा संवेदनशील हैं। इसके अलावा तेंदुए और बाघ के सेल में रूम हीटर लगाए गए हैं। भालू को खुद को गर्म रखने के लिए शहद खिलाया जा रहा है। पक्षियों के पिंजड़ो को पर्दे से ढक दिया गया है, ताकि ठंडी हवा अंदर नहीं जा सके।
चिड़ियाघर में वर्तमान में जानवरों और पक्षियों की 28 प्रजातियां हैं जिनमें चार तेंदुए, एक बाघ, 50 काले हिरण, एक हिमालयी भालू और एक दरियाई घोड़ा हैं।