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Bokaro Zoo: लुढ़का पारा तो भालू को शहद और तेंदुए को हीटर का मजा, हिरण अलाव का उठा रहे लुत्फ


Bokaro: पारा 10-11 डिग्री सेल्सियस पहुंचने के साथ ही जवाहरलाल नेहरू जैविक उद्यान (जेएनबी) प्रबंधन पशु-पक्षियों को ठंड और कनकनी से बचाने के लिए हरकत में आ गया है।

बोकारो का चिड़ियाघर, सेल के बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) द्वारा संचालित किया जाता है। ठंड को देखते हुए बीएसएल के आला अधिकारियों ने चिड़ियाघर प्रबंधन को इस मौसम में जानवरो के विशेष देखभाल करने का निर्देश दिया है।

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बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) के संचार प्रमुख मणिकांत धान ने कहा कि, पशुओं को आहार के साथ-साथ सप्लीमेंट भी दिया जा रहा है। इसके अलावा, चित्तीदार हिरण और काले हिरणों को गर्म रखने के लिए उनके बाड़ों में लकड़ी जलाई जा रही है। हिरण गर्म रहने के लिए आग से कुछ फीट दूर बैठना पसंद करते हैं।

चिड़ियाघर प्रबंधन ने ठंड के प्रति संवेदनशील जानवरों के बाड़ों में हीटर और अलाव जलाने की व्यवस्था की है। जबकि पक्षियों के बाड़े में शेड बनाए गए हैं और उन्हें गर्म रहने में मदद करने के लिए पुआल की व्यवस्था की गई है। साथ ही, देखभाल भी की जा रही है।

मणिकांत धान ने बताया कि चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने शीत लहरों से बचाव के लिए तेंदुओं और अन्य जानवरो के बाड़ों के खिड़कियों पर पर्दे भी लगाए है। सांपों, सिवेट और पक्षियों को ठंड से बचाने के लिए उनके बाड़े के चारों ओर पुआल रख दिया गया है। चिड़ियाघर के कर्मचारी जानवरों को विटामिन भी दे रहे हैं।

भालू को खाने के लिए शहद दिया जा रहा है। जानवरों को ज्यादा से ज्यादा धूप में रखा जा रहा है। मणिकांत धान ने बताया कि पेड़ों की टहनियों की छंटाई की गई है ताकि सूरज की किरणें बिना किसी बाधा के बाड़ों तक पहुंच सकें। यह माना जाता है कि सर्दी के मौसम में जानवरों को धूप में बैठने में मजा आता है।

बोकारो चिड़ियाघर पुरे 127 एकड़ जमीन में फैला हुआ है। चिड़ियाघर में कुल 26 बाड़े स्थित हैं जिसमे भालू, तेंदुए, दरियाई घोड़ा, हिरण, सांप आदि रहते है। सर्दियों में बोकारो चिड़ियाघर में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।


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