Bokaro: राज्य सरकार के द्वारा कृषि शुल्क लगाए जाने के विरोध में सोमवार को बोकारो के खाद्यान्न व्यवसायियों का आंदोलन शुरू हो गया. आंदोलन के पहले चरण में सभी व्यवसायियों ने काला बिल्ला लगाकर कृषि कर के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया. चेंबर के अध्यक्ष प्रदीप सिंह ने कहा कि जब तक राज्य सरकार कृषि कर को वापस नहीं लेगी तब तक व्यवसाई चैन की सांस नहीं बैठेंगे.
चेंबर के संरक्षक संजय बैद ने कहा एक तरफ राज्य की जनता महंगाई से त्रस्त है वहीं राज्य सरकार महंगाई को पंख लगाने वाले कृषि कर को लागू कर आम जनता को महंगाई की आग में झोंक रही है. चेंबर के उपाध्यक्ष अनिल गोयल ने कहा कि कृषि कर लागू होने से झारखंड का अधिकतम खाद्यान्न व्यवसाय बंगाल और बिहार चला जाएगा क्योंकि वहां पर कृषि कर नहीं है.
चेंबर के सचिव सह संयोजक राजकुमार जायसवाल ने कहा की सरकार की गलत नीति का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा. राजकुमार ने कहा कि विधेयक के लागू होने से राज्य में अफसरशाही बढ़ जाएगी. चेंबर के महामंत्री सिद्धार्थ पारख ने बताया कि बोकारो जिले के सभी खाद्यान्न व्यवसायियों ने आज काला बिल्ला लगाकर एवं काला झंडा हाथों में लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
चेंबर के पूर्व अध्यक्ष मनोज चौधरी, सचिव मुकेश अग्रवाल, मंजूर हुसैन जिया, शैलेंद्र जयसवाल, कुमार अमरदीप, विनय सिंह, महेश गुप्ता, प्रकाश कोठारी, कमलेश जायसवाल, अंजनी कुमार रूपक, प्रेम राज गोयल, राजेश पोद्दार, शंभू गुप्ता, अशोक गोयल, रमेश प्रसाद, विपुल मंडल, परमानंद सिंह, रविंद्र अग्रवाल, सुरेश बंसल, काशीनाथ सिंह आदि ने कृषि कर लगाए जाने पर अपना विरोध व्यक्त करते हुए कहा की आगामी बुधवार को सभी खाद्यान्न व्यवसायी अपने अपने प्रतिष्ठान को बंद कर रांची पहुंचेगें और आगे के आंदोलन की रणनीति तय करेंगे.