Bokaro: ज़िले के चंदनक्यारी में बने गवई बराज नहर की एक वितरणिका (सहायक नहर) का बड़ा हिस्सा धंस गया, जिससे पूरा पानी खेतो में बह गया। घटना चंदनक्यारी के सिल्फोर गांव के पास गुरुवार को हुई। बता दें पिछले रविवार को गवई बराज नहर में औपचारिक रूप से किसानों के लिए ट्रायल में पानी छोड़ा गया। नहर में पानी देख किसान काफी खुश हुए थे।
तेनुघाट बांध डिवीजन के तहत गवई बरज परियोजना के कनिष्ठ अभियंता, विकास कुमार ने कहा, “नहर की एक वितरणिका का कुछ हिस्सा धंस गया है। यह बारिश का पानी था जो बाहर निकल गया। हमने नौ वितरिकाओं में से किसी में भी पानी नहीं छोड़ा था। पानी सिर्फ मुख्य नहर में छोड़ी गई थी। जो सफल रही।
उन्होंने कहा, हो सकता है बारिश का पानी बहता देख ग्रामीणों ने पानी जमा करने के लिए नहर को दो तरफ से बंद कर दिया हो। जिस स्थान पर नहर टूटा है, वह नीचे है, इसलिए पानी का दबाव झेल नहीं पाया। करीब 4-5 मीटर की दीवार धंस गई।
वहां के स्थानीय निवासी मानभूम महतो ने कहा, ”नहर में पानी देखकर हम खुश थे। लेकिन इस दो दिन की बारिश में नहर की दीवार धंस गई और सारा पानी निचले खेत में बह गया। इससे लगता है कि काम की गुणवत्ता अच्छी नहीं थी, नहीं तो नहर का दीवार टूटता ही नहीं।
बताया जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में 131 करोड़ रुपये की लागत से बननेवाली यह परियोजना लगभग तीन साल की देरी से पूर्ण हुई।
1970 की दशक में इस परियोजना की शुरुआत हुई थी, जो जिले की एक मात्र सिंचाई परियोजना है। इस बराज की दो मुख्य नहर है एवं नौ वितरणिका है। जिसमें बाएं मुख्य नहर की लंबाई 44 किमी एवं दाएं की लंबाई 10 किमी है।
बताया गया कि 4636 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई के लिए इस नहर को तैयार किया गया है। जिससे चास- चंदनकियारी प्रखंड के 12 पंचायत के 54 गांवों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इस परियोजना में लगभग 80 हजार किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
इन गांव को होगा लाभ इससे चास प्रखंड के आमाडीह, ओबरा, पिंड्राजोरा, केलियाडाबर, टुपरा, अलगडीह, विश्वनाथडीह, तुरीडीह, पुंडरू, सीमाबाद सहित कई गांवों के किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। जबकि चंदनकियारी प्रखंड के चंद्रा, चमड़ाबाद, सुतरीबेड़ा, चंदनकियारी, गलगलटांड़, रांगामटिया होते हुए सिमुलिया तक के किसानों का लाभ होगा। इससे चास और चंदनकियारी के करीब 54 गांवों के लोगों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी।