Bokaro: बोकारो स्टील टाउनशिप के शहीद एनायत चौक, हटिया मोड सेक्टर 9 पर आज विस्थापितों के एक गुट ने बोकारो इस्पात संयंत्र (बीएसएल) का पुतला फूंका। विस्थापितों के नाराजगी का कारण है उनके द्वारा बीएसएल को दी गई ज़मीन पर प्लांट के विस्तारीकरण और इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का आना। विस्थापित अपने पूर्वजों कि खाली पड़ी ज़मीन वापस चाहते है।
सूत्रों के अनुसार, प्लांट लगाने के लिए बीएसएल प्रबंधन द्वारा ली गई विस्थापितों की जमीनों पर हुए अतिक्रमण अब एक बड़ा मुद्दा है। इसके लिए विस्थापित बीएसएल प्रबंधन को जिम्मेवार मानते है। अपने जमीनों की यह दुर्दशा देख विस्थापित अब अपनी खाली पड़ी ज़मीन वापस करने की मांग कर रहे है। जिस तरह बोकारो इस्पात प्रबंधन बीते 50 सालो में हुए अतिक्रमण पर आँख मूंदे हुए है, उससे विस्थापित खासे ख़फ़ा है। उनका भरोसा बीएसएल पर से पूरी तरह उठ चूका है।

विस्थापितों का कहना है कि बीएसएल में इतने एमडी, सीईओ और डायरेक्टर आये पर किसी ने उनके समस्याओ के बीज को ढूंढ़कर समाधान करने का पूरा प्रयाश नहीं किया। आजकल उनके द्वारा दिए गए बीएसएल की जमींन पर इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम और प्लांट के विस्तारीकरण की चर्चा जोरो पर है। जिसका विस्थापित विरोध कर रहे है।
आज हुए पुतला दहन कार्यक्रम में विस्थपित नेता मदन मोहन महतो ने कहा कि बीएसएल जिस भूमि का उपयोग 50 वर्षो में नहीं किया उसे रैयतों को वापस कर दे। झारखंड में इसकी शुरुआत बड़कागांव से हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्र की सरकार के द्वारा बोकारो इस्पात कारखाना के विस्थापितों की जमीन पर गिद्ध दृष्टि के तहत जमीन की लूट के उद्देश्य हेतु अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम तथा प्लांट विस्तारीकरण कार्य किये जाने कि बात हो रही है।
विस्थापितों के बीच दहशत पैदा करने एवं झारखंड सरकार को बदनाम करने का काम किया जा रहा है। जबकि उत्तरी क्षेत्र के विस्थापित गांव को अभी तक पुनर्वास के साथ मौलिक अधिकार से वंचित हैं। प्रबंधन के विस्थापित विरोधी मानसिकता के अधिकारियों द्वारा खाली पड़ी जमीन पर सुनियोजित तरीके से अतिक्रमण कराया जा रहा है। बीएसएल प्रबंधन के अधिकारियों की संपत्ति की जांच होनी चाहिए। विस्थापित क्षेत्रों में विस्थापितों के बीच आक्रोश बढ़ रहा है और विस्थापित भू-वापसी के 1 इंच जमीन कारखाना को देने के लिए तैयार नहीं है।
बीएसएल प्रबंधन द्वारा विस्थापितों के जमीन के खिलाफ बुरी निगाह डालने का प्रयास करने पर विस्थापित मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मदन मोहन महतो चौहान महतो सरोज महतो अब्दुल रऊफ अंसारी हसनुल्लाह अंसारी शांति भारत फजले इमाम सागर महतो मनोज महतो जितेंद्र गोराइ सेठी खान खुर्शीद अंसारी मोहिद्दीन अंसारी तुलसी महतो अशोक महतो किशुन महतो ताजुद्दीन अंसारी अमित महतो आदि मुख्य रूप से सम्मिलित थे।
विस्थापितों के जमीन खाली करवाने संबंधी प्रस्ताव के खिलाफ विस्थापित हिंद फौज के केंद्रीय अध्यक्ष, विस्थापित साझा के संयोजक सदस्य विस्थापित रैयत मोर्चा के केंद्रीय सचिव, झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला प्रवक्ता मदन मोहन महतो झारखंड बुद्धिजीवी मोर्चा जिला अध्यक्ष अब्दुल रऊफ अंसारी विस्थापित संयुक्त परिवार हसनुल्लाह अंसारी, विस्थापित नवजागरण समिति, सरोज महतो विस्थापित आयल फिल्टर संघ चौहान महतो, आदि विस्थापित संगठनों द्वारा बोकारो इस्पात प्रबंधन का पुतला दहन किया गया।
