Bokaro: सम्पदा न्यायालय, बोकारो द्वारा शुक्रवार को अनाधिकृत कब्जे वाले दो प्लॉट को बेदखली अभियान चला कर खाली करवा लिया. कही भी कोई विरोध का सामना नहीं करना पड़ा. बताया गया, पिछले साल बीएसएल प्रबंधन द्वारा जिस तरह से Nexa शोरूम खाली कराया गया. उसके बाद अनाधिकृत प्लॉट कब्जा किये लोग समझ गए है की कोई रिलीफ नहीं मिलने वाला है. इसलिए वह शांति से खाली कर चले गए.
बीएसएल प्रबंधन ने बताया कि पिछले बुधवार से अनाधिकृत कब्जे वाले 48 आवासों और 2 प्लॉट को खाली कराने का बेदखली अभियान चलाया जा रहा है, जो आगे भी जारी रहेगा. अभी तक सेक्टर 4 और सेक्टर 2 के कुल 18 आवासों को अवैध कब्जेदारों से मुक्त कराया गया है.
प्लॉट की तरह, बीएसएल आवासों में अवैध कब्ज़ा करने वाले लोग भी जान गए है की अभियान चलेगा तो खाली करना होगा. इसलिए आवासों को खाली कराने में भी कोई विरोध नहीं हुआ. हालांकि चल रहे इस बेदखली अभियान को लेकर लोग चर्चा करते हुए कह रहे है कि बीएसएल प्रबंधन को 2000 एकड़ में फैला अतिक्रमण भी दिखना चाहिए.
सही तरीके से लीज- लाइसेंस-अलॉटमेंट कराकर बीएसएल आवासों-प्लाट में रह रहे लोग का कहना है कि, अगर इसी तरह टुकड़ो-टुकड़ो में अभियान चलाया जाता रहता, तो बीएसएल के जमीन में अतिक्रमण इतना नहीं बढ़ता, साथ ही जो जमीनों पर अवैध कब्ज़ा है वह खाली होता. कब्जाधारियों का मनोबल नहीं बढ़ता. पिछले तीन सालो से अतिक्रमण चरम पर है.
जब भी शहर में अतिक्रमण के खिलाफ आवाज़ उठती है, तब बीएसएल प्रबंधन अपनी नाक और शाख बचाने के लिए अवैध कब्ज़े वाले आवास और प्लाट के खिलाफ अभियान चला देता है. कुछ महीनो पहले सिटी सेंटर में अवैध कब्ज़ा किये गुमटी और दुकानों को खाली करने का नोटिस देने के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया. इसके खिलाफ प्लाट होल्डर एसोसिएशन को काफी रोष है.
बीएसएल के अधिकारियो से पूछने पर वह अपनी बेबसी का इजहार करते है. कहते है कि जिला प्रसाशन सहयोग करें तो अतिक्रमण भी हट जायेगा. इन सब के बावजूद लोगो को बीएसएल के डायरेक्टर इंचार्ज अमरेंदु प्रकाश से काफी आशाएं है.
बता दें, डायरेक्टर इंचार्ज ने बीएसएल का प्रभार लेने के तुरंत बाद ऑनलाइन दिए अपने पहले भाषण में सभी विभागों के अधिकारियो और कर्मचारियों से अपील कर कहा था कि वह अपना 100 % अपने काम को दें.
अमरेंदु प्रकाश कि वह अपील नगर प्रसाशन और सिक्योरिटी विभाग में कितने संजदगी से ली गई, यह आमलोग भी जानते है और प्रबंधन भी. लोग यह भी कह रहे है कि – ‘परफॉर्म या पेरिश’ की फिलॉस्फी पर भरोसा रखने वाले डायरेक्टर इंचार्ज, 100 % का आकलन सिर्फ प्लांट के अंदर काम करने वाले अधिकारियो और कर्मचारियों तक सिमित रखें हुए है.