Bokaro: हरला थाना अंतर्गत पचोरा में बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) द्वारा शुरू की गई वैकल्पिक जल पाइपलाइन परियोजना के काम को सैकड़ों विस्थापितों ने सोमवार को बाधित कर दिया. स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके का दौरा किया है. प्रदर्शनकारी बीएसएल द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन के मुआवजे की मांग कर रहे थे.
बता दें बीएसएल वर्तमान में 34 किलोमीटर लम्बी तेनु नहर से पानी प्राप्त कर रहा हैं जो तेनुघाट बांध से स्टील प्लांट के बीच हैं. इसके आलावा बीएसएल दामोदर नदी से वैकल्पिक 5 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन लगा रहा है. बीएसएल सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना के लिए 2019 में अनुबंध किया गया था. इसके बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ जो लगभग एक साल तक बिना किसी बाधा के चलता रहा.
उसके बाद कोरोना काल में कोई काम नहीं हो सका. इस साल जनवरी में फिर से काम शुरू करने की कोशिश की गई और यह कुछ दिन ही चला. लेकिन, ग्रामीणों ने बीएसएल से नौकरी की मांग को लेकर काम बंद कर दिया. बीच में कई बार दंडाधिकारी की तैनाती कर काम शुरू करने का प्रयास किया गया लेकिन कुछ खास प्रगति नहीं हो सकी.
सोमवार को फिर बीएसएल सुरक्षा के साथ प्रशासन की ओर से बल की तैनाती की गई, लेकिन ग्रामीणों का विरोध काफी ज्यादा होने के कारण काम शुरू नहीं हो सका. बीएसएल (BSL) के लिए वैकल्पिक जल पाइपलाइन परियोजना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संयंत्र को उसकी वर्तमान और भविष्य दोनों आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पानी का एक सुरक्षित स्रोत प्रदान करेगी.