Bokaro: समाहरणालय सभागार में शुक्रवार को उपायुक्त अजय नाथ झा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सभी वरीय पदाधिकारियों, लिपिकों और कर्मियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रशासनिक अनुशासन, वित्तीय पारदर्शिता और योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए गए।

अवकाश स्वीकृति और अनुशासन का पालन अनिवार्य
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बिना पूर्व लिखित अनुमति के मुख्यालय से बाहर नहीं जाएगा। ऐसा करने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और विभागीय कार्रवाई के लिए अनुशंसा की जाएगी।
एक लाख रूपये से अधिक धन राशि पर प्रमाण पत्र अनिवार्य
बैठक में निर्देश दिया गया कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी निजी कार्य/शादी-विवाह के लिए एक लाख रूपये से अधिक राशि साथ लेकर यात्रा करता है, तो अपर समाहर्ता कार्यालय से प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा। मो. मुमताज अंसारी को इस कार्य का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
कार्यस्थल पर ड्रेस कोड और आचरण
उपायुक्त ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालय में सुसज्जित और उच्च नैतिक मूल्यों के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया। किसी भी बाहरी व्यक्ति से कार्यालय में चाय लेने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने टीम भावना और समन्वय के महत्व पर जोर दिया।
खनन प्रभावित क्षेत्रों और योजना क्रियान्वयन
उपायुक्त ने खनन प्रभावित क्षेत्रों की सूची 2 दिनों में तैयार करने और डीएमएफटी मद में राशि का सही वितरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। योजनाओं को ग्राम सभा की अनुमति के बाद ही क्रियान्वित किया जाएगा।
डीएमएफटी कार्यों में ऑडिट और पारदर्शिता
उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार ने बताया कि डीएमएफटी के तहत हुए कार्यों का राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त ऑडिट फर्म से अकाउंट ऑडिट और सोशल ऑडिट कराया जाएगा।
निष्कर्ष: प्रशासनिक कार्यप्रणाली को मजबूत करना
बैठक के अंत में उपायुक्त ने कहा कि अनुशासन, पारदर्शिता और टीम भावना से ही प्रशासनिक कार्यप्रणाली मजबूत होगी। जिला प्रशासन का उद्देश्य जनता को समयबद्ध, पारदर्शी और प्रभावी सेवाएं प्रदान करना है।
