बोकारो: सेल के बोकारो स्टील प्लांट (BSL) ने सतत अपशिष्ट प्रबंधन (Sustainable Waste Management) और परिचालन उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कोक ओवेन्स और कोल केमिकल्स (सीओ एंड सीसी) विभाग में नव-निर्मित मैकेनाइज्ड डिकैंटर स्लज चार्जिंग सिस्टम का उद्घाटन अधिशासी निदेशक (वर्क्स) प्रिया रंजन और अधिशासी निदेशक (ऑपरेशंस) अनुप कुमार दत्त ने किया। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक (सीओ एंड सीसी) सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मजबूत जोड़ी
बोकारो स्टील प्लांट में बीते कुछ समय से सकारात्मक बदलाव दिख रहे हैं। कार्यकारी नेतृत्व की मजबूत जोड़ी प्रिय रंजन और अनुप दत्त कमाल कर रही है। यह जुगल जोड़ी न केवल तकनीकी दक्षता का उदाहरण पेश कर रही है, बल्कि नवाचार, अनुशासन और परिणामोन्मुखी कार्यसंस्कृति को भी मजबूती से आगे बढ़ा रही है।

खतरनाक अपशिष्ट को अब वैज्ञानिक तरीके से..
बीएसएल के चीफ ऑफ़ कम्युनिकेशन (COC), मणिकांत धान ने कहा कि नई प्रणाली सर्कुलर इकॉनॉमी और ‘वेस्ट-टू-वेल्थ’ की अवधारणा को सशक्त करती है। पहले खतरनाक अपशिष्ट के रूप में सुरक्षित लैंडफिल में डाले जाने वाले टार डिकैंटर स्लज को अब वैज्ञानिक तरीके से कोक निर्माण प्रक्रिया के लिए कोयला मिश्रण में पुनः उपयोग किया जाएगा। इससे कार्बन-समृद्ध स्लज एक उपयोगी संसाधन में परिवर्तित हो गया है।
कोयले पर निर्भरता कम होगी
परियोजना से पर्यावरणीय और परिचालन दोनों स्तरों पर लाभ मिलेगा। वर्जिन कोयले पर निर्भरता कम होगी, लैंडफिल निपटान समाप्त होगा और स्लज परिवहन से जुड़ी उत्सर्जन व मैनुअल हैंडलिंग के जोखिम घटेंगे। पूर्णतः मैकेनाइज्ड और इन-हाउस विकसित यह प्रणाली कार्यक्षमता, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यस्थल सुरक्षा को मजबूत करेगी।
कार्बन फुटप्रिंट घटने..
इसके साथ ही, कोयले की खपत में कमी और परिवहन लागत समाप्त होने से उल्लेखनीय लागत बचत की उम्मीद है। कार्बन फुटप्रिंट घटने के साथ भविष्य में कार्बन क्रेडिट के अवसर भी बन सकते हैं। यह पहल ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और गवर्नेंस) मानकों के अनुरूप बीएसएल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। सेल प्रबंधन ने परियोजना से जुड़े दल की नवाचार क्षमता, तकनीकी दक्षता और सतत विकास के प्रति समर्पण की सराहना की।

