Bokaro: उपायुक्त (डीसी) अजय नाथ झा ने कहा कि बच्चों को यूकेलिप्टस के पेड़ की तरह नहीं, बल्कि बरगद के विशाल वृक्ष की तरह आगे बढ़ना चाहिए। यूकेलिप्टस का पेड़ भले ही तेजी से बड़ा होता है, लेकिन वह दूसरों के लिए अनुपयोगी होता है, जबकि बरगद का पेड़ समाज को छांव, आश्रय और सुरक्षा प्रदान करता है। वे शनिवार शाम सेक्टर 04 एफ स्थित एमजीएम हायर सेकेंडरी स्कूल, बोकारो के वार्षिक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।
डीसी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसा व्यक्ति बनें जो समाज के लिए कुछ करें। मूल्यों के साथ आगे बढ़ें और आत्मविश्वास के साथ समाज में योगदान दें। यही व्यक्ति राष्ट्र के लिए वैल्यू एडेड होता है। डीसी ने शिक्षकों से कहा कि हमारी पहचान हमारी विविधता में एडजस्टमेंट करने की क्षमता से होती है। इसे बच्चों को सिखाना बेहद जरूरी है।

उन्होंने सुझाव दिया कि पाठ्यक्रम की पढ़ाई शुरू करने से पहले शिक्षक रोजाना पांच मिनट बच्चों से संवाद करें, ताकि उनके मन से निराशा दूर हो सके। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे आपसे नहीं सीखेंगे तो गलत रास्ते पर चले जाएंगे। उन्हें मूल्यों का महत्व समझाएं, क्योंकि आप ही उनके भविष्य को गढ़ रहे हैं।
डीसी ने अभिभावकों से अपील की कि वे रोजाना 15 से 20 मिनट बच्चों को अवश्य दें और उनके अच्छे दोस्त बनें। बच्चों को यह विश्वास दिलाएं कि यदि उन्हें कुछ नहीं आता है तो वे बिना झिझक बता सकें। उन्होंने कहा कि गलती होने पर उसे स्वीकार करना और सुधार करना जरूरी है। गलती बोनाफाइड होनी चाहिए, मालाफाइड नहीं।

