Bokaro: 21वीं सदी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मानदंडों के अनुरूप दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बोकारो ने एक नई पहल की है। विद्यालय की प्राथमिक इकाई में सोमवार को एक अत्याधुनिक कंपोजिट स्किल लैब का उद्घाटन किया गया। इस लैब का उद्घाटन विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने नारियल फोड़कर और फीता काटकर किया। इसके साथ ही अब प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थी भी आधुनिक तकनीक की शिक्षा लेकर वैज्ञानिक सोच विकसित कर सकेंगे।
छोटे बच्चे भी सीखेंगे रॉकेट्री और डिजाइनिंग
इस नई लैब के जरिए कक्षा छह से नीचे के बच्चे भी एयरोनॉटिक्स, स्पेस टेक्नोलॉजी, रॉकेट्री, एविएशन और डिजाइनिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का अध्ययन करेंगे। यहां बच्चे ड्रोन उड़ाएंगे, रॉकेट बनाएंगे और 3डी प्रिंटर से अपने सपनों को वास्तविकता में बदलेंगे। यह पहल झारखंड के किसी भी स्कूल में अपनी तरह की पहली सुविधा है। इससे पहले विद्यालय की सीनियर इकाई में भी दो वर्ष पूर्व इसी तरह का लैब स्थापित किया गया था।

बच्चों के लिए ‘मैजिक वर्ल्ड’ जैसी सुविधा
प्राथमिक कंपोजिट स्किल लैब बच्चों के लिए किसी जादुई दुनिया से कम नहीं है। यहां 3डी प्रिंटर, विंड टनल, जेट इंजन मॉडल, ड्रोन प्रोग्रामिंग और रोबोटिक्स की ट्रेनिंग दी जाएगी। अंतरिक्ष में रुचि रखने वाले बच्चों के लिए रॉकेट किट्स, टेलीस्कोप और मेटा क्वेस्ट वीआर हेडसेट उपलब्ध हैं। बच्चे सिमुलेशन और वर्चुअल रियलिटी के जरिए अंतरिक्ष की दुनिया को नजदीक से देख सकेंगे। जेट इंजन वी2, रोबोटिक आर्म और हाइड्रोलिक ब्रिज जैसे उपकरण बच्चों को मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल सिस्टम का व्यावहारिक ज्ञान देंगे। उद्घाटन के मौके पर ड्रोन प्रोग्रामिंग, रॉकेट लॉन्च और 3डी प्रिंटिंग के लाइव डेमो ने सभी को आकर्षित किया।
भविष्य के वैज्ञानिकों के निर्माण का लक्ष्य
प्राचार्य डॉ. गंगवार ने कहा कि यह लैब सिर्फ सुविधा नहीं बल्कि बच्चों की कल्पनाओं को उड़ान देने का लॉन्च पैड है। डीपीएस बोकारो छात्रों के समग्र विकास और वैज्ञानिक सोच के लिए हमेशा प्रयासरत है। इस पहल से विद्यालय ने देशभर के चुनिंदा संस्थानों में जगह बनाई है, जो वैश्विक स्तर की STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स) शिक्षा उपलब्ध कराते हैं।
