Bokaro: गुरुदेव स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती का एक ही सपना था कि अधिकतम लोगों को अधिकतम समय तक अधिकतम खुशी मिले । वह दीन जनों की सेवा में ही नारायण की सेवा मानते थे। उनकी इसी दृष्टि को वास्तविकता के धरातल पर रुपायित कर रहा है चिन्मय स्माइल बैक संगठन ।
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इस संगठन की स्थापना 2009 में चिन्मय विद्यालय के पूर्ववर्ती छात्रों द्वारा की गई थी । इस संगठन का उद्देश्य है – ऐसे छात्र-छात्राओं को आर्थिक सहयोग करना जो मेधावी हैं परंतु आर्थिक रूप से वंचित वर्ग से आते हैं उनकी आर्थिक स्थिति उनकी मेधा के अनंत प्रसार में बाधा ना बने. वह अपने इच्छित लक्ष्य को प्राप्त करने से चूक न जाए , इस हेतु ऐसे छात्र-छात्राऔ कि सहायता के लिए विद्यावृति छात्रवृति योजना कि शुरूआत की गई । इस योजना के माध्यम से उन्हें पूर्ण रूप से आर्थिक सहयोग दिया जाता है।
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष दो मेधावी छात्रों को 11वीं एवं 12वीं की पढ़ाई के लिए पूरा नामांकन शुल्क, विद्यालय शुल्क, पुस्तक एवं पोशाक दी जाती है ।
जानकारी देते हुए चिन्मय स्माइल्स बैक के सचिव संजीव मिश्रा ने कहा कि जो छात्र आर्थिक रूप से कमजोर है उसे इस योजना का लाभ उठाने के लिए जो अर्हता चाहिए वह इस प्रकार हैं- छात्र आर्थिक कमजोर वर्ग से होने चाहिए तथा दसवीं में 98 प्रतिशत से अधिक अंक होना चाहिए या फिर विद्यालय द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा मे उत्तीर्ण होना चाहिए एवं नामांक हेतु सभी शर्तें पूरी होनी चाहिए । इस संगठन से जुड़े छात्रों की एक समिति इसकी जांच कर इसकी अनुशंसा करती है।
देश-विदेश से जुड़े हैं 150 से अधिक पूर्ववर्ती छात्र
इस संगठन से 150 से अधिक पूर्ववर्ती छात्र जुड़े हुए हैं जो आर्थिक सहयोग प्रदान करते हैं और छात्रों को करियर के क्षेत्र में मार्गदर्शन भी करते हैं , आगे पढ़ने में सहयोग देते हैं।
अब तक 30 से अधिक छात्रों को विद्यावृति योजना का लाभ मिल चुका है ।
अपने स्थापना काल से अभी तक 30 से अधिक छात्रों को इस योजना से आर्थिक लाभ पहुंचाया गया है । ये छात्र करियर के क्षेत्र में एक ऊंचा मुकाम हासिल कर चुके हैं और अब वे अन्य छात्रों को अपना सहयोग दे रहे हैं । जैसे – श्वेता झा यूको बैंक में अधिकारी हैं ; ऋचा मित्रा ,पंचायती राज मंत्रालय की परियोजना के शोधकर्ता है ; नीतीश कुमार जिनका 12वीं की परीक्षा में राज्य स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था तथा उन्हें राज्य सरकार ने ₹100000 देकर सम्मानित किया था । नीतीश कुमार को 12वीं की कक्षा में 98 प्रतिशत से अधिक अंक मिला था।
इसी योजना से लाभान्वित शिवानी मिश्रा जे. ई.ई.मैंस में अव्वल स्थान प्राप्त की थी और अभी वह आईआईटी मुंबई की छात्रा है । इस संगठन का संकल्प भी है कि योग्यतम छात्र-छात्राओं की राह आसान करें , उन्हें आर्थिक एवं शैक्षणिक सहयोग देकर परवाज बनाओ जो आगे चलकर देश और समाज विकास के लिए अधिकतम योगदान दे सकें । हाल ही में बी.पी.एस.सी द्धारा आयोजित परिक्षा में सौरभ कुमार ने डी.एस.पी रैक प्राप्त किया।
विद्यालय सचिव महेश त्रिपाठी ने कहा कि इस ’’विद्यावृति’’ छात्रवृति का ज्यादा से ज्यादा विस्तार देने की योजना है ताकि आर्थिक रूप से वंचित छात्रों को सभी प्रकार का सहयोग दिया जा जाए। सभी योग्य छात्र चिन्मय विद्यालय से जुड़ें उन्हें उज्जवल भविष्य के निर्माण में विद्यालय हर संभव आर्थिक सहयोग करेगा ।
विद्यालय प्राचार्य सूरज शर्मा ने कहा कि ’’विद्यावृति’’ योजना वास्तव में मानवता की सेवा में महान योगदान दे रहा है। धीरे-धीरे इसका कलेवर और विस्तृत होता जा रहा है और होता रहेगा। वंचित वर्ग में मेधावी छात्र इस योजना का लाभ जरूर उठाएं । चिन्मय विद्यालय परिवार हमेशा उनके सपनों को साकार करने में उनके साथ खड़ा होने के लिए कटिबद्ध है ।
चिन्मय स्माइल बैक संगठन द्वारा चलाई जा रही है विद्यावृति योजना की जानकारी के लिए चिन्मय विद्यालय के वेवसाइट https://chinmayasmiles.org/our-team/ पर पूरी सूचना उपलब्ध है ।