Bokaro: बोकारो स्टील सिटी, चास नगर निगम और बेरमो क्षेत्र में एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर सैकड़ों कायस्थ परिवारों ने श्रद्धा और भक्तिभाव से पूजा अर्चना की।
चित्रगुप्त महाराज की तस्वीर-मूर्ति की पूजा कर कायस्थों ने उनको अक्षत्, फूल, मिठाई, फल आदि चढ़ाया। इस पावन दिन पर कायस्थों ने अपनी किताब, कलम, दवात आदि चित्रगुप्त जी के समक्ष रख पूजा की। वैसे तो पुरे ज़िले में कई जगह कायस्थ महापरिवार द्वारा चित्रगुप्त पूजा की गई, पर सेक्टर 1 और 3 की पूजा में बड़ी संख्या में लोग जुटे। कायस्थों ने भगवान श्री चित्रगुप्त के चित्र पर माल्यार्पण कर उनकी भक्ति भाव से पूजा अर्चना की।
बेरमो में चित्रगुप्त पूजा
बोकारो जिला अंतर्गत बेरमो अनुमंडल में कलम-दवात के देवता चित्रगुप्त पूजा का इतिहास छह दशक से अधिक पुराना है. बेरमो अनुमंडल के तहत बेरमो और गोमिया प्रखंड को मिलाकर लगभग एक दर्जन स्थानों पर हर साल भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित कर काफी धूमधाम से आराधना की जाती है. इस पूजा के माध्यम से कायस्थ जाति से जुड़े लोग सपरिवार पूजा की शाम आयोजित सामूहिक भोज में जुटते हैं. सामूहिक भोज के माध्यम से भाईचारे के प्रचलन को आज भी जीवित रखने का काम किया जाता है. इसके अलावा कई स्थानों पर बच्चे एवं महिलाओं के बीच कई तरह की प्रतियोगिता सहित रंगारंग सांस्कृतिक कायर्क्रम भी आयोजित किये जाते हैं.
चित्रगुप्त पूजा
चित्रगुप्त भगवान का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ था। इनका कार्य प्राणियों के कर्मों के हिसाब किताब रखना है। मुख्य रूप से इनकी पूजा भाई दूज के दिन होती है। इनकी पूजा से लेखनी, वाणी और विद्या का वरदान मिलता है।
इस पूजा का खास महत्व कायस्थों में माना जाता ह। क्योंकि कायस्थों की उत्पत्ति चित्रगुप्त से मानी जाती है। इसके लिए उनके लिए यह पूजन काफी विशेष माना जाता है। चित्रगुप्त की पूजा करने से साहस, शौर्य, बल और ज्ञान की प्राप्ति होती है।