Bokaro: बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के सुरक्षा में तैनात अर्धसैनिक बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), घुसपैठ और चोरी पर अंकुश लगाने के लिए और प्रभावी ढंग से अत्याधुनिक तकनीको और सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इससे पिछले कुछ महीनो में प्लांट में चोरी की घटना में कमी आई है।
बीएसएल में तैनात सीआईएसएफ जवान अब ड्रोन, आईआर सेंसर, बॉडी-वॉर्न कैमरे और डैश कैम जैसे सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे है। 15,000 एकड़ में फैले बीएसएल स्टील प्लांट की बेहतर सुरक्षा के लिए इन हाई-टेक उपकरणों की संख्या को और बढ़ाया जा रहा है।
बताया जा रहा है की सितंबर माह में सीआईएसएफ ने छह चोरों को प्लांट में पकड़ा था। आज मंगलवार को भी एक व्यक्ति चोरी के तांबे के तार के साथ प्लांट में पकड़ा गया।
मजदुर यूनियन और अन्य संघठनो के आंदोलन पर ड्रोन और डैश कैम से नजर
एहि नहीं, सीआईएसएफ स्टील प्लांट और टाउनशिप में बीएसएल के खिलाफ होने वाले किसी भी आंदोलन और भीड़ की गतिविधियों की निगरानी और रिकॉर्ड करने के लिए डैश कैम और ड्रोन का भी उपयोग कर रहा है।
अपने प्राथमिक सुरक्षा कार्य के अलावा, सीआईएसएफ प्लांट के अंदर और बाहरी प्रतिष्ठानों में ट्रेड यूनियनों या अन्य समूहों द्वारा किये गए आंदोलन पर नजर रखने के लिए ड्रोन और डैश कैम का भी उपयोग करता है। इससे सीआईएसएफ और बीएसएल प्रबंधन को प्रदर्शनकारियों का रिकॉर्ड रखने में मदद मिलती है।
बीएसएल प्लांट में चोरी अब आसान नहीं
बता दें, बीएसएल संयंत्र लंबे समय से चोरों और घुसपैठियों के निशाने पर रहा है जो तांबा, स्क्रैप और अन्य मूल्यवान वस्तुओं की चोरी करने के लिए प्लांट की दीवारों से अंदर आते हैं। सीआईएसएफ जवान अब रेड, सर्च अभियान और एरिया डोमिनेशन में बॉडी-वॉर्न कैमरे पहन कर जा रहे है। जैसे अंग्रेजी फिल्मो में दिखाया जाता है वैसे ही उनके हरेक मूवमेंट की रिकॉर्डिंग होती है। जिसपर बड़े सीआईएसएफ अधिकारियों की नजर रहती है।
सीआईएसएफ ने सुरक्षा को और मजबूत करते हुए प्लांट के अंदर क्रिटिकल स्थानों पर इन्फ्रारेड (IR) सेंसर भी लगाए हैं।
बीएसएल इकाई में सीआईएसएफ के डीआइजी सौगत राय ने कहा, “इन उपकरणों के इस्तेमाल से हम चोरो की हरकतों का तुरंत पता लगा कर उनके प्रयासों को विफल कर रहे हैं। इससे चोरी और घुसपैठ में काफी कमी आई है।” सीआईएसएफ का पेट्रोलिंग और क्यूआरटी (QRT) वाहन पहले से ही डैश कैम से सुसज्जित हैं।