Bokaro: यह तस्वीरें सेक्टर 4 के सिटी सेंटर इलाके की है। वह भी आज गुरुवार रात्रि 8.30 बजे के बाद की। सरकार द्वारा जारी किये गए गाइडलाइन का आज पहला दिन था। आज से अप्रैल 30 तारीख तक सरकार ने रात्रि 8 बजे के बाद सभी दुकानों को बंद करने का निर्देश दिया है। कोरोना के रोकथाम को ले सरकार और प्रसाशन के इतने अपील, जागरूकता और रोक के बाद शहर के मुख्य बाजार सिटी सेंटर में रात्रि 8 बजे के बाद भी फुटपाथ में लगे ठेले वालो का बाजार गुलज़ार था।
लोग कोरोना को ले इतने अनजान थे, की पुलिस पेट्रोलिंग की गाड़ी लगातार हूटर बजा ठेले वालो को दुकान बंद करने, और लोगो को घर जाने की अपील कर रहे थे, पर वह अपने मजे में थे। 10-15 मिनट तक जब गाड़ी में बैठे पुलिसवालो ने देखा की लोगो और ठेले वालो पर हूटर का कोई असर नहीं हो रहा है। तो मज़बूरी में वह गाड़ी से उतरे और बढ़ी शालीनता के साथ एक-एक ठेले में जाकर बंद करने की अपील करते दिखे। फिर भी लोग, ठेले के आड़ में चुपचाप आर्डर देते और ठेलेवाले व्यंजन परोसते दिखे।

बता दे की यह आलम सिटी सेंटर में गुरवार के शाम का है, जिस दिन इस मार्किट में साप्ताहिक बंदी रहती है। यह अलग बात है की पुलिसवालो ने सब्र रखते हुए पीछे लगकर धीरे-धीरे सभी ठेलेवालों को बंद कराया और जब तक लोग वहाँ से चले न गए तब मौके पर डटे रहे और रह-रह कर हूटर बजाते रहे। वैसे जो लोग कोरोना के स्तिथि को जानते हुए भी अनजान बन रहे है। और इस तरह घूमने में अपनी शान समझ रहे है। उन्हें यह पता होना चाहिए की बोकारो में कुल 329 कोरोना के पॉजिटिव मरीज है और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है।
बोकारो में बीजीएच के अलावा कोरोना के इलाज की समुचित व्यवस्था और कही भी नहीं है। पर बीजीएच के कोवीड वार्ड के बेड भी फूल के करीब है। बीजीएच ने प्राइवेट पेशेंट्स के डायरेक्ट एडमिशन पर रोक लगा दी है। सदर अस्पताल में कोरोना का इलाज नहीं होता है। जिला स्वास्थ विभाग ने कैंप-2 स्तिथ एएनएम कोवीड केयर सेंटर में इलाज की व्यवस्था की है, पर सिर्फ उन कोरोना के मरीजों के लिए की जो एसिम्पटोमैटिक है या जिनमे हलके वायरस के लक्षण है। बोकारो में कोई भी प्राइवेट अस्पताल कोरोना के पेशेंट को नहीं ले रहा है। रांची, धनबाद और राज्य के अन्य जगहों में चाहे सरकारी हो या प्राइवेट अस्पताल सभी जगह कोवीड वार्ड का बेड करीब-करीब फुल है।
इस तरह कोरोना से लापरवाह हो, परिवार के साथ या अकेले घूमने वाले लोग, थोड़ा सोच ले कि अगर उनको कोरोना हो गया, तो इस मुश्किल की घड़ी में वे इलाज के लिए जायेंगे कहाँ।
